रायपुर. बाहर रहकर पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स आमतौर पर पेइंग गेस्ट बनकर किराए के कमरों में या फिर हॉस्टल में रहते हैं. इस किराए पर 12 परसेंट की जीएसटी लगाई जाती है. वहीं अब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा है. इसमें कहा है कि छात्रहित में इस अतिरिक्त भार से उन्हें मुक्त किया जाए.
अपने पत्र में सीएम भूपेश बघेल ने उन छात्र-छात्राओं की पीड़ा का जिक्र किया है जो मध्यमवर्गीय या गरीब परिवारों से होते हैं. दूर-दराज के गांवों से आदिवासी व अन्य वर्ग के ये निर्धन परिवार के बच्चे जैसे-तैसे कर अपनी पढ़ाई पूरी करने शहर आते हैं. उनके लिए किराए का कमरा लेना या निजी हॉस्टल में रहना ही अपने आप में चुनौती है. उसका किराया देने में ही उनकी हालत खराब हो जाती है.
जीएसटी से अतिरिक्त बोझ
सीएम ने लिखा है कि पहले से ही किराए का बोझ स्टूडेंट्स पर है. अब जब उन्हें जीएसटी के 12 परसेंट और भुगतान करना पड़ता है तो उन पर ये बोझ और बढ़ जाता है. इससे उन्हें मुक्त किया जाए. इससे किसी भी बच्चे को बाहर जाकर पढ़ाई करने में दिक्कतों का सामना न करना पड़े. वैसे भी इस महंगाई में उन पर पहले से ही काफी सारा बोझ है.
ऐसे तय होती है जीएसटी
बता दें कि जीएसटी दर स्लैब केंद्र की ओर से गठित जीएसटी परिषद की ओर से तय की जाती है. वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी की शुरुआत के बाद से विभिन्न उत्पादों के लिए जीएसटी दरों को कई बार संशोधित किया गया है. इसकी दरें आमतौर पर विलासिता की आपूर्ति के लिए अधिक और आवश्यक जरूरतों के लिए कम हैं. लेकिन, इसके बाद भी इनमें कई बार अनदेखी की शिकायतें आती हैं. इस मामले में भी सीएम ने इसे ज्यादति माना है और राहत की मांग की है.
अब आपस में भिड़ रहे नक्सली, साथियों ने 25 लाख के इनामी को उतारा मौत के घाट
छत्तीसगढ़ में 24 घंटे के भीतर 6 सड़क हादसे, 5 की मौत, कई घायल
छत्तीसगढ़ में 8900 से अधिक पदों पर सरकारी भर्ती, युवाओं के लिए अवसर ही अवसर
Copyright © 2021 Newsbaji || Website Design by Ayodhya Webosoft