रायपुर. छत्तीसगढ़ में पहली बार मजदूर दिवस कुछ अलग तरह से मनाया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के लोगों से बोरे-बासी खाकर मजदूर दिवस मनाने की अपील की थी। इसके बाद सोशल मीडिया पर संदेशों की लाइन लग गई। मुख्यमंत्री से लेकर IAS-IPS और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने इस उत्सव को अपने ढंग से मनाया। किसे ने मजदूरों के साथ बासी खाया तो किसी ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर बोरे बासी खाकर इस धूम-धाम से मनाया। दरअसल, ताजा भात (चावल) को जब पानी में डुबाकर खाया जाता है तो उसे बोरे कहते हैं। इसे दूसरे दिन खाने पर यह बासी कहलाता है।
आइए इस महान उत्सव को देखिए 30 स्पेशल फोटो के साथ....
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बासी खाया।
मुख्यमंत्री की उप सचिव सौम्या चौरसिया ने बोरे बासी खाया।
सीएम के बेटे चैतन्य बघेल ने बासी खाया।
मंत्री शिवकुमार डहरिया ने कुछ इस अंदाज में खाया बासी।
रायपुर पश्चिम विधायक विकास उपाध्याय ने भी खाया बासी।
रायपुर उत्तर विधायक कुलदीप जुनेजा व महापौर एजाज ने चखा स्वाद।
भिलाई विधायक देवेन्द्र यादव ने बासी खाया।
खुज्जी विधानसभा क्षेत्र छन्नी साहू ने खाया।
कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने भी खाया।
दुर्ग महापौर धीरज बाकलीवाल ने भी खाया।
दुर्ग संभाग आयुक्त महादेव कावरे ने खाया बासी।
दुर्ग संभाग आईजी बी.एन.मीणा ने अपने भाई के साथ खाया।
कोरबा कलेक्टर रानू साहू ने बासी खाया।
कोरबा ट्राइबल विभाग की डिप्टी कमिश्नर माया वारियर ने भी बासी खाया।
कोरबा एसपी भोजराम पटेल ने भी खाया।
कलेक्टर राजनांदगांव तारन प्रकाश सिंहा ने खाया।
खैरागढ़ की ओएसडी अंकिता शर्मा ने भी खाया।
रायपुर एसपी प्रशांत अग्रवाल ने भी खाया।
आईएएस निलेश कुमार क्षीरसागर ने अपने परिवार के साथ खाया।
आईपीएस अधिकारियों ने कुछ इस तरह से उत्सव मनाया।
दुर्ग कलेक्टर सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने अपने परिवार के साथ बासी खाया।
नक्सल प्रभावित क्षेत्र में तैनात जवानों ने भी उत्सव मनाया।
मुंगेली जिले के कलेक्टर व सभी अधिकारियों ने एक साथ बैठकर खाया।
दुर्र में मछली पकड़ने वालो ने एक साथ बैठकर खाया।
बोरे बासी को लोगों ने उत्सव के रुप में मनाया।
श्रमिको ने जमीन में बैठकर बासी खाने का आनंद लिया।
राजनांदगांव एसपी संतोष सिंह अपने बेटे के साथ
जनसंपर्क आयुक्त दीपांशु काबरा ने भी खाया।
राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी सूरज कश्यप ने अपने छोटे बच्चे के साथ खाया बासी।
इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय की कुलपित डॉ. ममता चंद्राकर ने भी खाया।
पोषक तत्वों की है मौजूदगी
गर्मी के दिनों में बोरे बासी शरीर को ठंडा रखता है। पाचन शक्ति बढ़ाता है। त्वचा की कोमलता और वजन संतुलित करने में भी यह रामबाण है। इसमें सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। बोरे बासी का मतलब होता है रात के पके चावल को ठंडा होने के बाद पानी में भिगोकर खाना और रात में बचे चावल को भिगोकर रखना। सुबह खाने पर इसे बासी कहा जाता है। इसमें स्वादानुसार नमक मिलाया जाता है। फिर सब्जी, प्याज, अचार, पापड़, बिजौरी इत्यादि के साथ खाया जाता है। कई बार लोग केवल नमक और प्याज से बासी खाते हैं।
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