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Unglibaji by Newsbaji: नाम हुए बड़े, चले तब ना...

 Newsbaji  |  Jan 07, 2024 12:57 PM  | 
Last Updated : Jan 07, 2024 12:57 PM
हफ्तेभर की...
हफ्तेभर की...

-उंगलीबाज

नाम हुए बड़े, चले तब ना...
एक होता है अध्यक्ष और एक होता है उपाध्यक्ष. आप कहेंगे कि अध्यक्ष के बाद उपाध्यक्ष तो आप मुगालते में हैं. तमगा तो बड़ा मिल जाता है पर पावर सचिव जितना भी नहीं रहता. कुछ ऐसा ही मामला नई सरकार में भी सामने आया है. हैं तो दो बड़े उप, लेकिन चला किसी और का. हम बात कर रहे हैं 89 आईएएस के तबादले की. सूबे में जब कांग्रेस की सरकार थी तो इनमें से कुछ ने इन उपों को भी सताया था. इनकी चलती तो इनका पलीता निकालने में जरा भी देरी नहीं करते. लेकिन, इन्हीं अफसरों की बिरादरी से आने वाले नेताओं के इशारे पर इनकी पोस्टिंग ऊंचे ओहदे पर हो गई. जबकि कुछ ऐसे भी थे, जिनके लिए चाहते थे कि इन्हें लूप लाइन में न भेजा जाए लेकिन इस पर भी इनकी नहीं चली. अभी तो ये शुरुआत है. आगे को लेकर सोच में पड़ गए हैं. नाम तो बड़े मिले, पर चले तब न. अभी से खिस‍ियानी बिल्ली खंभा खुजाए तो आगे क्या... यही सोचकर परेशान हैं.

छत्तीसगढ़ के आडवाणी कौन-कौन
एक होता है सबसे बड़ा पद. वही जो कार्यकारी होता है और मुखिया भी. लेकिन, उनसे भी बड़ा कोई हो लेकिन, अब वे किसी काम के न हों तो क्या पद मिलता है. वह पद होता है मार्गदर्शक मंडल का. जैसे केंद्र में आडवाणीजी को लेकर चर्चा होती है. कुछ ऐसे ही पुराने चावल छत्तीसगढ़ बीजेपी में भी थे. खीर बनी और जब बंटी तो दोने लेकर आगे की पंक्ति में वे ही खड़े थे. लेकिन, ऊपरवालों की मंशा कुछ और ही थी. सो ऐसों को खीर बंट गई जिनके बारे में किसी ने सोचा तक नहीं था, खुद पाने वालों ने भी. अब लोग उंगलियां गिन रहे हैं. हिसाब लगा रहे हैं कि अब छत्तीसगढ़ में कितने आडवाणीजी हो गए.

राम-राहुल आएंगे तो अंगना सजाऊंगी...
छत्तीसगढ़ की दोनों पार्टियाें के लिए इस महीने खास होने जा रहा है. भगवान श्रीराम से खुद की निकटता साबित करने वाली पार्टी श्रीराम के आने की बाट जोह रहा है जो 22 जनवरी को अयोध्या में आ रहे हैं. उसके लिए यहां माहौल बनाया जा रहा है. मन ही मन लक्ष्य अप्रैल-मई को भी बनाकर बैठे हैं. दूसरी वो पार्टी है, जिसका पाया सब खो गया है. उनके सबसे खास राहुल इसी महीने अपनी पदयात्रा की दूसरी कड़ी शुरू करने जा रहे हैं. जो पिछली बार यहां नहीं आए थे वे इस बार आ रहे हैं. ऐसे में वे भी कह रहे हैं, राहुल आएंगे तो अंगना सजाऊंगी. एक के पास सत्ता है तो वह दिख भी रही है और दूसरे के पास कुछ नहीं तो दिखाने का मौका इसी यात्रा के जरिए खोज रही है. इनका रिजल्ट भी अप्रैल-मई में ही आएगा. देखते हैं कौन-कितना सफल होता है. मई में रिजल्ट तो आ ही जाएगा.

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