पटना. बिहार सरकार ने कोरोना की चौथी लहर की आशंका को देखते हुए तैयारियों को तेज कर दिया है। डॉक्टरों की पोस्टिंग से लेकर अन्य संसाधनों की व्यवस्था हो रही है। स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों की बैठक में हर दिन कोरोना के बचाव को लेकर मंथन किया जा रहा है। अस्पतालों में कोरोना को लेकर एहतियात के साथ डॉक्टरों की तैनाती की जा रही है। इसी क्रम में पटना मेडिकल कॉलेज में 27 जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर की पोस्टिंग की गई है। राज्य सरकार ने राज्यभर में विभिन्न मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में एक साल के लिए 512 जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों को नियुक्त कर दिया है।
विभागवार तैनाती
पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के अलग-अलग विभागों में जूनियर रेजिडेंट को पोस्ट किया गया है। यह पोस्टिंग एक साल के टेन्योर के लिए हुई है। जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर को अलग-अलग विभागों में तैनात किया गया है। स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सूत्रों की मानें तो कोरोना की चौथी लहर की आशंका को देखते हुए जूनियर रेजिडेंट को मुख्य रुप से सुपर स्पेशियलिटी विभाग का जिम्मा सौंपा गया है। इस तैनाती से गंभीर रोगियों के इलाज में काफी राहत मिलेगी।
डॉक्टरों की तैनाती से मरीजों को मिलेगी राहत
पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में डॉक्टरों की कमी है और जूनियर रेजिडेंट की तैनाती से इस समस्या से थोड़ी राहत मिलेगी। डॉक्टर विशेषकर उन विभागों में ही तैनात किए जाएंगे, जिस विभाग में डॉक्टरों की कमी रहती है। सरकार ने राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में एक साल के लिए 512 जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर नियुक्त किए है। इन्हें प्रतिमाह स्टाइपेंड के तौर पर 65 हजार रुपए मिलेंगे। कोरोना को लेकर चल रही तैयारी में सरकार का यह बड़ा कदम है। मौजूदा समय में बच्चों में एईएस (AES) और जेई (JE) के साथ गर्मी से होने वाली बीमारी का खतरा है। ऐसे में डॉक्टरों की कमी दूर होने से लोगों को राहत मिलने की संभवना है।
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