भिलाई. एमिटी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत ऑपरेशन स्माइल को सफल बनाने सुयश हॉस्पिटल में 7 दिनों का शिविर लगाया. इसमें कटे होंठ की सर्जरी कर बच्चों की मुस्कान वापस लौटाने के लिए नेक प्रयास किया गया. यहां लगभग 150 मरीज बच्चों को कटे होठ से निजात मिला.
स्टूडेंट यशस्वी गायकवाड़ ने कैंप का एक्सपीरियंस शेयर करते हुए बताया कि सर्जरी से पहले और बाद हम मरीज बच्चों और उनके परिजनों को पूरी प्रक्रिया समझाते हैं, सर्जरी से लाभ और सर्जरी के बाद की सावधानियों से अवगत कराते हैं और यह एकदम सरल प्रक्रिया है. जानकारी के अभाव में लोग ऑपरेशन स्माइल का लाभ नहीं ले पाते हैं, लेकिन यहां छत्तीसगढ़ के बाहर से भी अधिकतर मरीज आते हैं.
समन्वयक देवश्रिता कर ने बताया कि परिजन यह जानना चाहते हैं कि यह सर्जरी कितना दर्दनाक होगा और यह सुरक्षित होगा या नहीं, इसलिए यहां एक प्ले-रूम बनाया गया है, जिहां खिलौने हैं, डॉक्टर्स हैं और हमारे सदस्यों की भी मौजूदगी रहती है. बच्चों के साथ खेलते हुए पहले उनका विश्वास हासिल किया जाता है. इसके कारण बच्चे सर्जरी के दौरान डरते नहीं और सहजता से ऑपरेशन होने देते हैं.
सफल आयोजन में इनकी भूमिका
कार्यक्रम अधिकारी मल्लिका जेडली ने स्टूडेंट्स टीम और विश्वविद्यालय के समन्वयक टीम की सराहना करते हुए कहा कि सोशल आउटरीज को-ऑर्डिनेटर डॉ. प्रसन्ना कुमार शर्मा, डॉ. अरुणिमा सुर, अभिषेक सिंह और स्टूडेंट आयुषी की टीम ने छत्तीसगढ़ में ऑपरेशन स्माइल को सफल बनाने में सक्रिय भूमिका निभाई. ये भी बताया कि बीते 40 वर्षों से ऑपरेशन स्माइल परियोजना के तहत कटे होंठ की सर्जरी कर चेहरे की मुस्कुराहट लौटाई जा रही है, यह दूसरी बार है जब हमें विश्वविद्यालय का सहयोग मिला.
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