लखनऊ। सहारा हॉस्पिटल में नेशनल वैस्कुलर दिवस के अवसर पर वैस्कुलर डिजीज के बारे में सीएमई का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। सीएमई का उद्घाटन सहारा इंडिया परिवार के सीनियर एडवाइजर अनिल विक्रम सिंह, डॉ. मजहर हुसैन डायरेक्टर (मेडिकल हेल्थ) व वैस्कुलर एवं एंडोवैस्कुलर सर्जन डॉ.यशपाल सिंह ने केक काटकर किया।
मिली जानकारी के अनुसार, सीएमई के वैस्कुलर एवं एडोंवैस्कुलर सर्जन डा. यशपाल सिंह ने बताया कि वैरिकोस नसें पैरों में दिखाई देने वाली फूली और घुमावदार हरे रंग की नसें होती हैं, जिनका आकार छोटे से लेकर बड़े तक कुछ भी हो सकता है। समय के साथ ये नसें कई तरह की जटिलताएं पैदा कर सकती हैं, जैसे कि रक्तस्राव, थक्के और अल्सर आदि। इस तरह इन नसों में ब्लॉकेज होने से जीवन में परेशानी उत्पन्न हो जाती है।
इन सभी दिक्कतों को अलग-अलग विधि द्वारा ठीक किया जाता है! यह जानकारी देते हुए सहारा हॉस्पिटल के वैस्कुलर एवं एंडोवैस्कुलर सर्जन डा. यशपाल सिंह ने सहारा हॉस्पिटल के सेमिनार हाल में आयोजित सीएमई में दी है। जिसमें विभिन्न विभागों के डॉक्टर्स, नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ सहित कई वरिष्ठ डॉक्टर शामिल हुए।
सीएमई के इस मौके पर सहारा इंडिया परिवार के सीनियर एडवाइजर अनिल विक्रम सिंहजी ने कहा कि हमारे अभिभावक "सहाराश्री" ने ऐसा हॉस्पिटल दिया है, जहां बेहतर चिकित्सा के साथ उसकी गुणवत्ता बढ़ाने के लिए समय-समय पर सीएमई जैसे जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। इससे डाक्टर, नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ भी नयी तकनीक से रूबरू होते हैं। यही कारण है कि मरीजों को बेहतर उपचार देकर हम चिकित्सा क्षेत्र में निरन्तर नए आयाम को स्थापित कर रहे हैं और इस हॉस्पिटल में मरीजों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं देने के लिए नित नयी सेवाएं विस्तारित की जा रही हैं।
भिलाई की स्मृति नगर चौकी पर पथराव, पुलिस ने 14 लोगों पर दर्ज किया मामला
शबरी पार छत्तीसगढ़ दाखिल हो रहे नक्सली का एनकाउंटर, एक जवान भी घायल
Copyright © 2021 Newsbaji || Website Design by Ayodhya Webosoft