डेस्क. Gaut, गठिया, जोड़ों का दर्द और arthritis जैसी समस्याओं से सभी को आजकल अपनी जिंदगी में रुबरू होना पड़ रहा है. बड़े-बुजुर्गों में अक्सर घुटनों के दर्द की समस्या तो सुनी ही होगी आपने, आजकल ये समस्या युवा वर्ग में भी दिखाई दे रही है. इसका मुख्य कारण है आज की बदलती ख़राब जीवन-शैली. यूरिक acid के बढ़ जाने से चलने-फिरने में परेशानी और जोड़ों में दर्द अक्सर बना रहता है. कभी कभी पैरों में सूजन भी आ जाता है. कुछ बातों का ध्यान रखकर इससे बचा जा सकता है.
क्या होता है यूरिक एसिड
यूरिक एसिड हमारे शरीर में जमी एक गंदगी के समान है. शरीर के खून में अगर यूरिक एसिड की मात्रा ज्यादा बढ़ जाए तो उससे जोड़ों की दिक्कत, किडनी की बीमारी, दिल के दौरे जैसी खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं. यूरिक एसिड शरीर में प्यूरीन का एक रूप है, जो यूरिन के द्वारा शरीर से बाहर जाता है. शरीर में केमिकल प्यूरीन पाया जाता है, उसी तरह से खाने में भी प्यूरीन मौजूद होता है. इसलिए प्यूरीन की कम मात्रा खून के द्वारा यूरिक एसिड का स्तर सही रखने में मदद करती है. महिलाओं और पुरुषों में यूरिक एसिड का स्तर अलग-अलग होता है. महिलाओं में इसका लेवल 2.4 से 6.0 mg/dL और पुरुषों में 3.4 से 7.0 mg/dL तक होता है. जब यूरिक एसिड का स्तर 7mg/DL को पार करे तब परेशान बढ़ जाती है.
शरीर के किन हिस्सों में होता है दर्द-
यूरिक एसिड के बढ़ने से शरीर की मांसपेशियों में सूजन आ जाता है जिससे दर्द महसूस होता है और ये दर्द शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है. खासकर टखने में, कमर, गर्दन, घुटने आदि में. इससे बाद में गाउट, गठिया और आर्थराइटिस जैसी परेशानियां सामने आने लगती हैं.
घरेलू उपायों से संभव है बचाव
टमाटर खायें-
टमाटर के सेवन से कुछ hadd तक यूरिक एसिड को कम करने में मदद मिलती है. टमाटर में विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो कि यूरिक लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है. वहीं, विटामिन सी की एक और खासियत होती है कि वो शरीर में जमे विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है. टमाटर में मौजूद एंटीइंफ्लेमेटरी के गुण सूजन को कंट्रोल करने में मदद करता है. इतना ही नहीं इसके एंटीऑक्सीडेंट्स गाउट को रोकने में मददगार हैं.
पानी ज्यादा पिएं-
अगर आप ज्यादा से ज्यादा पानी पिएंगे तो इससे यूरिक एसिड के शरीर से बाहर निकलने की संभावना बढ़ जाएगी. इससे यह आपकी बॉडी में जमा नहीं हो पाएगा. नींबू पानी एक अच्छा पेय है यूरिक एसिड को कम करने के लिए. इसके अलावा सोडा, कोल्ड ड्रिंक्स, स्पोर्ट्स ड्रिंक्स समेत अन्य ड्रिंक्स का सेवन करने से बचना चाहिए.
परहेज करें इन सब्जियों से-
यूरिक एसिड के मरीजों को फूलगोभी, पत्तागोभी, हरे मटर, बीन्स, भिंडी और मशरूम खाने से भी परहेज करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इनमें प्यूरीन की मात्रा अधिक होती है. ओट्स, साबुत अनाज और सब्जियां जैसे ब्रोकोली, कद्दू और अजवाइन को आहार में शामिल करना चाहिए.
न खायें ये दाल-
यूरिक एसिड के मरीज़ को अरहर की दाल का सीमित सेवन करना चाहिए, क्योंकि इसमें प्रोटीन अधिक मात्रा में पाया जाता है. इससे यूरिक लेवल अनकंट्रोल हो जाता है. उड़द की दाल या काले चने का सेवन कर सकते हैं. अन्य दालों की तरह उड़द की दाल भी प्रोटीन और आहार फाइबर से भरपूर होती है.
चेरी का जूस है लाभदायक-
चेरी के जूस में एंथसायनिन पाया जाता है जो यूरिक एसिड लेवल के कम करता है. एंथसायनिन में एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज भी होती हैं, जिससे चेरी का जूस नेचुरल एंटी-इंफ्लेमेटरी बन जाता है. इससे गठिया के कारण होने वाली सूजन से आराम मिलता है.
शरीर में बढ़े हुए यूरिक एसिड को नियंत्रित रखना बहुत जरूरी है. ऊपर बताए उपायों को अपनाने से मदद मिलेगी, लेकिन अपने डॉक्टर से परामर्श लेना भी जरूरी है.
-शालिनी पांडेय, मुंबई का इनपुट
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