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Health Tips: जन्म से लेकर 16 वर्ष तक के बच्चों के लिए हर टीका जरूरी, यहां मुफ्त में लगवाएं

 Newsbaji  |  Jan 22, 2023 09:00 AM  | 
Last Updated : Jan 22, 2023 09:00 AM
सांकेतिक फोटो.
सांकेतिक फोटो.

हेल्थ डेस्क. बच्चे के जन्म के साथ समय-समय पर उसका टीकाकरण करवाना आवश्यक है. नियमित टीकाकरण न करवाने वाले बच्चे जानलेवा बीमारी से ग्रसित हो सकते हैं. जन्म से लेकर 16 साल तक की उम्र तक बच्चे के लिए हर टीका बहुत जरूरी है. क्योंकि यह उसे कई गंभीर बीमारियों से बचाता है.

छत्तीसगढ़ के राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. वी.आर. भगत ने बताया कि सम्पूर्ण टीकाकरण शिशुओं के जीवन और भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए सुरक्षा कवच का काम करता है. नियमित टीकाकरण से हम अपने समुदाय के सबसे अधिक जोखिमग्रस्त सदस्य नवजात शिशु को सुरक्षा प्रदान करते हैं. उन्होंने बताया कि एक समय हजारों बच्चों की जान लेने वाली बीमारियां जैसे पोलियो, स्मॉल-पॉक्स आदि का उन्मूलन टीकाकरण के कारण किया जा सका है. आज टीकाकरण के कारण ही बच्चों में होने वाली अन्य बीमारियां भी उन्मूलन के कगार पर हैं.

बच्चे की उम्र के अनुसार ऐसे लगवाएं टीके
डॉ. भगत ने बताया की शिशुओं को जन्म पर बीसीजी, ओपीवी-0, हेपेटाइटिस-बी-0 का टीका लगाया जाता है। छह हफ्ते या डेढ़ महीने का होने पर शिशु को ओपीवी-1, रोटा-1, एफआईपीवी-1, पेंटावेलेंट-1 और पीसीवी-1 का टीका लगाया जाता है। वहीं दस हफ्ते या ढाई महीने में ओपीवी-2, रोटा-2, पेंटावेलेंट-2 का टीका, 14 हफ्ते या साढ़े तीन महीने में ओपीवी-3, रोटा-3, एफआईपीवी-2, पेंटावेलेंट-3 और पीसीवी-2 का टीका, नौवें महीने में एमआर-1, पीसीवी-बूस्टर, एफआईपीवी-3, विटामिन-ए की प्रथम खुराक, 16-24 महीने में डीपीटी बूस्टर-1, ओपीवी-बूस्टर, एमआर-2, विटामिन-ए की द्वितीय खुराक एवं 5-6 साल में डीपीटी-बूस्टर-2, दस साल एवं 16 साल की उम्र में टीडी का टीका लगाया जाता है. गर्भवती महिलाओं को भी टीडी के दो टीके गर्भधारण के तुरंत बाद तथा उसके एक महीना बाद लगाया जाता है. ये सभी टीके शासकीय चिकित्सालयों में निःशुल्क लगाए जाते हैं.

डॉ. भगत ने बताया कि टीकाकरण शिशुओं को टीबी, पोलियो, रोटावायरस दस्त, काली खांसी, टिटनेस, हेपेटाइटिस-बी, खसरा, हिब-निमोनिया और मेनिनजाइटिस जैसी गंभीर बीमारियों से बचाता है. टीका लगने के बाद शिशुओं को स्तनपान कराया जा सकता है. टीका लगे स्थान पर यदि सूजन हो तो उस पर ठंडे पानी की पट्टी रख सकते हैं. बीसीजी के टीका वाले स्थान पर डेढ़ से दो माह में छोटा सा फफोला होता है. इससे घबराएं नहीं. टीका लगाने के बाद किसी भी प्रकार की एलर्जी हो या बुखार आए तो स्वास्थ्य कार्यकर्ता या डॉक्टर के परामर्श से दवाईयां ले सकते हैं.

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