कोलंबो. राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ने श्रीलंका में गहराती आर्थिक समस्या के बीच शुक्रवार को आपातकाल की घोषणा कर दी। उन्होंने अपने आदेश में कहा गया है कि देश की सुरक्षा और आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति के रखरखाव के लिए ये फैसला लिया गया है। इसके बाद पूरे देश में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वहीं दूसरे ओर प्रदर्शनकारी जनता राष्ट्रपति से लगातार इस्तीफा देने की मांग कर रही है।
राष्ट्रपति भवन के बाहर प्रदर्शन
श्रीलंका में राष्ट्रपति भवन के बाहर हजारों प्रदर्शनकारी जमा हो गए हैं और राष्ट्रपति से पद छोड़ने की मांग कर रहे हैं। आम लोग देश की वर्तमान स्थिति के लिए सरकार की नीतियां आर्थिक स्थिति के लिए जिम्मेदार हैं। कोलंबो में हिंसा जारी है। यहां लोगों ने वाहनों में आग लगा दी। सुरक्षा बल और आम लोग आमने-सामने आ गए हैं। श्रीलंका में अब तक हुई हिंसा में 10 लोग घायल भी हुए हैं। साथ ही कई लोगों को हिरासत में लिया जा रहा है।
देश में ईंधन और गैस की भारी कमी
राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने 1 अप्रैल (शुक्रवार) से आपातकाल लगाने की घोषणा करते हुए एक गजट जारी किया। दरअसल श्रीलंका सरकार के पास तेल आयात करने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार की भारी कमी है और इस कारण देश में ईंधन की भारी कमी हो रही है। पेट्रोल-डीजल के लिए लोगों के घंटों लाइन में लगना पड़ रहा है।
श्रीलंका में हर चीज हो गई महंगी, एक कप चाय 100 रुपए
बताया जा रहा है कि, महंगाई का आलम यह है कि शिक्षा विभाग के पास कागज और स्याही खत्म हो गई है। परीक्षाएं अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है। श्रीलंका की करीब 2.2 करोड़ जनता बिजली कटौती का सामना कर रही है। देश में अधिकांश स्थानों पर 13-14 घंटे बिजली काटी जा रही है। दूध पेट्रोल से भी महंगा हो गया है। आलम यह है कि शक्कर 290 रुपए किलो, चावल 500 रुपए किलो, मिल्क पाउडर 790 प्रति 400 ग्राम, एलपीजी सलेंडर 4000 रुपए से अधिक,पेट्रोल 254 प्रति लीटर एवं डीजल 176 रुपए प्रति लीटर और एक कप चाय की कीमत 100 रुपए है, यह सभी कीमत श्रीलंकाई रुपए में है।
बस व ट्रेन सभी के पहिए रुकें
जानकारी के अनुसार, श्रीलंका में डीजल की किल्लत इतनी ज्यादा है कि बसों और ट्रेनों के पहिए थम गए हैं। बिजली उत्पादन संयंत्र पूरी क्षमता से नहीं चलने से बिजली कटौती भी चरम पर पहुंच गई है। श्रीलंका के ऊर्जा मंत्री जैमिनी लोकुगे ने कहा है कि ईंधन और गैस की कमी को पूरा करने में करीब 7 महीने लग सकते हैं।
यहां एक परिवार कर रहा राज
श्रीलंका की राजनीति की बात करें तो, पिछले दो दशकों से एक ही परिवार के इर्दगिर्द घूम रही है। देश के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (72) हैं। उनके बड़े भाई महिंदा राजपक्षे (75) प्रधानमंत्री हैं। महिंदा के पास शहरी विकास मंत्रालय भी है। वह देश के राष्ट्रपति भी रह चुके हैं। राजपक्षे परिवार के सबसे बड़े भाई चमल राजपक्षे श्रीलंका के गृहमंत्री व उनका बेटा शाशेंद्र राजपक्षे कृषि मंत्री हैं। वहीं, बासिल राजपक्षे श्रीलंका के वित्तमंत्री हैं। महिंदा के बेटे नमल राजपक्षे खेल मंत्री हैं और टेक्नोलॉजी मंत्रालय भी उनके पास है।
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