लखनऊ। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार पर नियंत्रण करने के लिए अधिकारियों को हर साल अपनी सम्पत्तियों का ब्यौरा देना होगा। मंत्रियों के साथ सरकार ने पीसीएस अधिकारियों के लिए भी हर साल अपने बंगला, गाड़ी, ज्वेलरी, बैंक बैलेंस, प्लॉट सहित पूरी सम्पत्ति का ब्योरा देना अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए एनआईसी के जरिए ‘स्पैरो-यूपी’ पोर्टल तैयार हो गया है।
पोर्टल पर पीसीएस अधिकारियों को हर साल की शुरुआत में ही 1 जनवरी से 21 जनवरी के बीच अपनी सम्पत्ति का ऑनलाइन ब्योरा देना होगा। अधिकारियों को इसका लॉग इन और पासवर्ड दे दिया गया है।
IAS अधिकारियों के लिए पहले से लागू है व्यवस्था
आईएएस अधिकारियों के लिए अपनी सम्पत्ति का ब्योरा देना पहले से अनिवार्य है। भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के तहत यह व्यवस्था पहले से लागू है। अधिकारियों को स्पैरो सॉफ्टवेयर से अपनी संपत्ति का ब्योरा ऑनलाइन देना होता है। आईएएस अधिकारियों के लिए लागू व्यवस्था की तर्ज पर ही यूपी सरकार ने पीसीएस अफसरों के लिए भी यह व्यवस्था लागू कर दी है।
हिसाब न देने पर होगा एक्शन
उत्तर प्रदेश में हर पीसीएस अधिकारी को हर साल 01 से 21 जनवरी के बीच अपनी सम्पत्ति का हिसाब देना अनिवार्य हो गया है। ऐसा न करने पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। हर अधिकारी को हर साल अप्रैल में पिछले वित्त वर्ष के लिए अपना स्व-मूल्यांकन भी ऑनलाइन देना होगा।
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