नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच वर्चुअल मीटिंग हुई है। इसे अंतरराष्ट्रीय संबंधों और द्विपक्षीय रिश्तों के लिए काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि यूक्रेन-रूस युद्ध के बाद इन दोनों नेताओं की ये पहली बैठक थी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह बातचीत ऐसे समय हो रही है, जब यूक्रेन में हालात बेहद चिंताजनक बने हुए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों देशों के बीच जारी वार्ता से शांति का मार्ग जरुर निकलेगा।
बैठक की कुछ अहम बातें
विश्व के दो सबसे बड़े और पुराने लोकतंत्र के रूप में हम नेचुरल पार्टनर हैं और पिछले कुछ वर्षों में हमारे संबंधों में जो प्रगति हुई है, जो नया मोमेंटम बना है। जिसकी शायद आज से एक दशक पहले भी कल्पना करना मुश्किल था। मैंने यूक्रेन और रूस दोनों के राष्ट्रपतियों से कई बार फोन पर बातचीत की है। मैंने न सिर्फ़ शांति की अपील की, बल्कि मैंने राष्ट्रपति पुतिन को यूक्रेन के राष्ट्रपति के साथ सीधी बातचीत का सुझाव भी दिया था। हमारी संसद में भी यूक्रेन के विषय पर बहुत विस्तार से चर्चा हुई है।
भारत इस साल अपनी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है और हम अपने डिप्लोमेटिक रिलेशन्स की 75वीं सालगिरह भी मना रहे हैं। मुझे विश्वास है कि भारत की अगले 25 सालों की विकास यात्रा में अमेरिका के साथ हमारी मित्रता एक अभिन्न अंग रहने वाली है।
भारत और अमेरिका के बीच भारतीय समयानुसार सोमवार देर शाम लंबी वार्ताओं का दौर शुरू हुआ। चार चरणों में हो रहीं इन वार्ताओं को दोनों देशों के द्विपक्षीय रिश्तों में काफी अहमियत दी जा रही है। पहले चरण में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिका के रक्षा मंत्री लायड आस्टिन के बीच बातचीत हुई जिसमें अमेरिका ने भारत को आश्वस्त किया कि चीन के बढ़ते आक्रामक रवैये के खिलाफ वह पूरी मदद करेगा।
मोदी और बाइडन की बैठक के बाद चौथी बैठक टू प्लस टू वार्ता के रूप में हुई। माना जा रहा है कि टू प्लस टू वार्ता के बाद जारी होने वाला संयुक्त बयान दोनों देशों के द्विपक्षीय रिश्तों का अगले कुछ वर्षों का एक एजेंडा तय करेगा। इन वार्ताओं के बारे में आधिकारिक तौर पर विस्तृत जानकारी मंगलवार की सुबह तक ही मिल पाएंगी।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, इस दौरान दोनों नेता द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा करेंगे और दक्षिण एशिया, हिंद-प्रशांत क्षेत्र और आपसी हित के वैश्विक मुद्दों पर हाल के घटनाक्रमों पर बात करेंगे। साथ ही दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाने में मदद मिलेगी। इनके बाद भारत और अमेरिका के बीच 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता होगी। जिसका नेतृत्व भारत की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्रालय एस जयशंकर और उनके अमेरिकी समकक्ष, रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन करेंगे।
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