डेस्क. भारत तिब्बत समन्वय संघ की ओर से लखनऊ विश्वविद्यालय के डीपीए सभागार में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ्ज्ञ के चतुर्थ सरसंघचालक राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया का जन्म शताब्दी समारोह मनाया गया। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय आवासन एवं शहरी विकास राज्य मंत्री कौशल किशोर समेत अन्य अतिथि शामिल हुए। कार्यक्रम में उन्होंने रज्जू भैया के जीवन से जुड़ी बातें साझा करते हुए राष्ट्रवाद व अखंड भारत से लेकर तिब्बत के साथ भारत के संबंध अपनी बातें रखीं।
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ने कहा कि कार्य के साथ प्रचार की बहुत आवश्यकता है और यह आवश्यकता तब और अधिक होती है, जब आप कार्य भी अच्छे कर रहे हों इसलिए भारत तिब्बत समन्वय संघ को प्रचार में लग जाना चाहिए, क्योंकि उसके उद्देश्य, कार्य और उपलब्धियां सब अच्छी हैं। राष्ट्रवादी ही किसी देश को प्रगति पर ले जा सकता है और संघ के प्रणेता रज्जू भैया का हिंदुत्व और राष्ट्रवाद सभी समस्याओं का समाधान देता है।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र प्रचार प्रमुख नरेंद्र सिंह ने कहा कि रज्जू भैया का संपूर्ण जीवन ही अपने आप में एक पाथेय है। उन्होंने कहा कि उनके प्रत्यक्ष सानिध्य का गौरव प्राप्त होने से यह कहा जा सकता है कि उनकी हर बात से बहुत कुछ सीखा समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत और तिब्बत अखंड भारत के राजनीतिक नक्शे पर भले ही अलग-अलग हैं लेकिन सांस्कृतिक नक्शे में एक ही है।
रज्जू भैया ने रखवाई संगठनों की नींव
कार्यक्रम में संघ के केंद्रीय संयोजक हेमेंद्र तोमर ने कहा कि रज्जू भैया के विराट व्यक्तित्व को केवल इसी बात से समझा जा सकता है कि दत्तोपंत जी ठेंगड़ी को भारतीय किसान संघ, भारतीय मजदूर संघ और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जैसे संगठनों की नींव रखने का विचार देने, मोरोपंत पिंगले और अशोक सिंघल को राम जन्मभूमि आंदोलन की नींव रखने का विचार देने व नानाजी देशमुख को राजनीति से समाज बड़ा है जैसी दृष्टि से जन सेवा में लगने का विचार देने का कार्य रज्जू भैया का ही था। वे ऐसे प्रथम महापुरुष थे, जिन्होंने तिब्बत पर चीन के कब्जे को लेकर समाधान दिया था। उसी को लेकर भारत तिब्बत समन्वय संघ कार्य कर रहा है।
वास्तविक अर्थों में थे आचार्य
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित ने कहा कि रज्जू भैया वास्तविक अर्थों में आचार्य थे, जिनके आचरण से ही लोगों के लिए अनुकरणीय व्यक्तित्व समक्ष दिखता है। उनके विराट व्यक्तित्व से मिली प्रेरणा से ही उत्पन्न हुए भारत तिब्बत समन्वय संघ के कार्य मानवता संरक्षण का अद्भुत व सशक्त प्रयास है। कार्यक्रम में प्रांत अध्यक्ष हिमांशु सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। संचालन प्रांत उपाध्यक्ष अमिताभ सिन्हा ने किया, जबकि विशेष सहयोगी के रूप में क्षेत्र युवा अध्यक्ष डॉ. आशीष सिंह ने योगदान किया और इस अवसर पर महेश नारायण तिवारी, शैलेंद्र सिंह, सचिन श्रीवास्तव, मुकेश तिवारी, अजीत पांडेय, लालबाबू तिवारी, डॉ. विवेक नाथ त्रिपाठी, अनूप बाजपेई, डॉ. प्रदीप श्रीवास्तव, डॉ. कल्पना सिंह, दीपक ग्रोवर, अभिषेक मिश्रा, राजनारायण, भूपेंद्र मणि सिंह आदि उपस्थित रहे।
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