डेस्क. सीबीआई की विशेष अदालत ने एचडीएफसी बैंक के दो अफसरों को दो लाख रुपये की घूसखोरी के मामले में सजा सुनाई है. महाराष्ट्र के पुणे का ये मामला साल 2020 में तब चर्चा में आया था जब 99 लाख रुपये के लोन के एवज में इन अफसरों ने पीड़ित से रिश्वत की मांग की थी और इसकी शिकायत सीबीआई से की गई.
आपको बता दें कि सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश ने घूसखोरी के इस मामले में नितिन निकम, तत्कालीन रिलेशनशिप मैनेजर (रिटेल एग्री), एचडीएफसी बैंक लिमिटेड बारामती को तीन वर्ष की कठोर कारावास के साथ 60 हजार रुपये का जुर्माना और गणेश धायगुडे़ तत्कालीन रूरल सेल्स एग्जीक्युटिव एचडीएफसी बैंक लिमिटेड जलोची शाखा बारामती को भी तीन वर्ष की कठोर कारावास के साथ ही 10 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है।
दरअसल, एक शिकायत के आधार पर बैंक के रिलेशनशिप मैनेजर नितिन के खिलाफ पहले 30 जुलाई 2020 को मामला दर्ज किया गया. उस पर आरोप था कि उसने एचडीएफसी बैंक, बारामती शाखा, जिला-पुणे से 99 लाख रुपये के लोन दिलाने के एवज में दो लाख 70 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी. अंतत: दो लाख 25 हजार रुपये में डील तय हुआ था, जिनमें से शुरुआत में दो लाख रुपये देने थे. नितिन निकम ने अपने जूनियर गणेश धायगुडे को शिकायतकर्ता से रिश्वत की रकम लेने के लिए भेजा था.
सीबीआई ने पहले से बिछा ली थी जाल
तब सीबीआई ने जाल बिछाया और रूरल सेल्स एक्जीक्यूटिव को शिकायतकर्ता से दो लाख रुपये लेने के दौरान रंगे हाथ पकड़ने की योजना बनाई. गणेश को पकड़ने के बाद नितिन को भी गिरफ्तार कर संबंधित दस्तावेज जब्त किए गए थे. जांच के बाद सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश के समक्ष दोनों आरोपियों के विरुद्ध 18 दिसंबर 2020 को आरोप पत्र दायर किया गया था. वहीं अब जाकर उन्हें ये सजा सुनाई गई है.
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