Friday ,October 18, 2024
होमदेश-दुनियाकेंद्रीय रेल मंत्री जिस ट्रेन पर सवार थे उसके सामने आई तेज रफ्तार ट्रेन, फिर हुआ ऐसा जो आपको जानना चाहिए...

केंद्रीय रेल मंत्री जिस ट्रेन पर सवार थे उसके सामने आई तेज रफ्तार ट्रेन, फिर हुआ ऐसा जो आपको जानना चाहिए

 Newsbaji  |  Mar 04, 2022 05:14 PM  | 
Last Updated : Jan 06, 2023 04:10 PM

NewsBaji। एक ही ट्रैक पर दो ट्रेनें आने की वजह से अतीत में कई भीषण रेल हादसे हो चुके हैं। मगर, अब ऐसा नहीं होगा। दरअसल, रेलवे ने नई सुरक्षा प्रणाली ‘कवच’ विकसित की है, जिसकी वजह से अब हादसों पर विराम लग सकेगा। इसका ट्रायल भी केंद्रीय मंत्री की मौजूदगी में किया गया। वह खुद एक तेज रफ्तार ट्रेन में सवार थे। उसके सामने एक दूसरी रेल आ गई। एक ट्रेन में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्‍णव सवार थे। लेकिन 'कवच' की वजह से दोनों इंजन आपस में नहीं टकराए। कवच भारतीय रेलवे द्वारा विकसित एक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली है। इसने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण परीक्षण पास किया।

रेल हादसों को पूरी तरह खत्म करने के लिए बनाए गए कवच सिक्योरिटी सिस्टम का सिकंदराबाद में लाइव परीक्षण किया गया। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ ट्रेन के चालक और परीक्षण के लिए मौजूद अन्य अधिकारी थे। इस परीक्षण का वीडियो अब सामने आया है, जिसमें साफ दिख रहा है कि केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव बताते हैं कि वह जिस ट्रेन में वह सवार हैं, वह उसी ट्रैक पर है जिस पर विपरीत दिशा से आ रही ट्रेन है। जब ट्रेन स्टॉप सिग्नल को बायपास करने का प्रयास करती है, तो वह रुक जाती है और वैष्णव कहते हैं कि कवच प्रणाली इंजनों को आगे नहीं बढ़ने देती।

यह सिस्‍टम तब शुरू होता है जब कोई सिग्नल खतरे में पड़ जाता है या जब कोई ट्रेन स्टॉप-सिग्नल से गुजरती है, जबकि ऐसा करने की अनुमति नहीं होती है। लोको पायलट के विफल होने की स्थिति में कवच स्वचालित रूप से ब्रेक लगाकर ट्रेन की गति को नियंत्रित करता है। इसके अलावा, कवच ने रियर-एंड कोलिजन टेस्टिंग, ऑटो व्हिसल टेस्ट के साथ-साथ लूप-लाइन क्रॉसिंग टेस्ट भी पास किया।

इस सिस्टम की घोषणा 2022 के केंद्रीय बजट में आत्‍म निर्भर भारत अभियान के भाग के रूप में की गई थी। सुरक्षा और क्षमता वृद्धि के लिए स्वदेश निर्मित कवच के तहत साल 2022-23 में 2,000 किमी रेल नेटवर्क को लाने की योजना है। अब तक दक्षिण मध्य रेलवे की चल रही परियोजनाओं में कवच को 1098 से अधिक रूट किमी और 65 लोको पर तैनात किया गया है और 160 किमी प्रति घंटे तक की गति के लिए स्वीकृत किया गया है।

इसके अलावा कवच को दिल्ली-मुंबई और दिल्ली हावड़ा कॉरिडोर पर लागू करने की योजना है। बताते चलें कि मिशन रफ्तार परियोजना के एक हिस्से के रूप में ट्रेनों की गति को 160 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाने के लिए भी काम किया जाएगा।

TAGS
 
admin

Newsbaji

Copyright © 2021 Newsbaji || Website Design by Ayodhya Webosoft