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शहबाज शरीफ बने प्रधानमंत्री, नेशनल असेंबली के 174 सदस्यों ने दिया वोट, पूर्व PM नवाज शरीफ के है भाई

 Newsbaji  |  Apr 11, 2022 06:37 PM  | 
Last Updated : Jan 06, 2023 10:18 AM

पाकिस्तान. पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई शहबाज़ शरीफ़ पाकिस्तान के 23वें प्रधानमंत्री चुन लिए गए हैं। उन्हें नेशनल असेंबली के 174 सदस्यों ने वोट दिया जबकि शाह महमूद कुरैशी को एक भी वोट नहीं मिलें।

प्रधानमंत्री पद के लिए शहबाज़ शरीफ़ पाकिस्तान के संयुक्त विपक्ष के साझा उम्मीदवार थे। सोमवार को विश्वास मत प्रस्ताव में वोटिंग हुई, जिसमें उनकी पहले से तय मानी जा रही जीत पर मुहर लग गई।

सोमवार को जैसे ही नेशनल असेंबली का सत्र शुरू हुआ, इमरान ख़ान की पार्टी के सदस्यों ने सामूहिक इस्तीफ़े की घोषणा कर दी। इमरान ख़ान का दावा है कि उन्हें अमेरिका की शह पर साज़िश के तहत सत्ता से बेदखल किया गया है।

शाह महमूद क़ुरैशी के रेस से हट जाने के बाद शहबाज़ शरीफ़ मुक़ाबले में अकेले रह गए थे। 342 सदस्यों वाली नेशनल असेंबली में बहुमत के लिए 172 वोटों की ज़रूरत थी।
70 वर्षीय शहबाज़ शरीफ़ पाकिस्तान की सबसे ज़्यादा आबादी वाले पंजाब सूबे के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सह-अध्यक्ष आसिफ़ अली ज़रदारी ने प्रधानमंत्री पद के लिए शहबाज़ शरीफ़ के नाम का प्रस्ताव रखा था।

शहबाज़ शरीफ़ पर हवाला लेन-देन से जुड़ा एक मुक़दमा चल रहा है। जिसकी अगली सुनवाई 27 अप्रैल को होनी है। इस बीच अदालत ने उनकी गिरफ़्तारी पर 27 अप्रैल तक के लिए रोक लगा दी है।

राजनीति में एंट्री
शहबाज़ शरीफ़ को साल 1985 में लाहौर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री का अध्यक्ष चुना गया। उनके सियासी सफर की शुरुआत साल 1988 में हुई जब वो पंजाब विधानसभा के सदस्य चुने गए। मगर विधानसभा भंग हो गई, वो अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए थे।

इसके बाद शहबाज़ शरीफ़ ने राष्ट्रीय राजनीति में कदम रखा। साल 1990 में वे पाकिस्तान की संसद नेशनल असेंबली के लिए चुने गए। ये वही समय था, जब नवाज शरीफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने थे। जितने दिन नवाज शरीफ प्रधानमंत्री रहे उतने ही समय शहबाज शरीफ नेशनल असेंबली में बने रहे।

सेना के बढ़ते दबाव के कारण 1993 में नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। इसी साल शहबाज शरीफ पंजाब विधानसभा पहुंचे और 1996 तक विपक्ष के नेता रहे। साल 1997 में वे तीसरी बार पंजाब विधानसभा के लिए चुने गए, और फिर वहां के मुख्यमंत्री बन गए।

पाकिस्तान में रात भर चला प्रदर्शन
इससे पहले इमरान खान की अपील पर रविवार को बड़ी संख्या में उनके समर्थक सड़कों पर प्रदर्शन करने उतरे। पीटीआई के समर्थकों ने पूर्व प्रधानमंत्री एवं पार्टी अध्यक्ष इमरान खान को सत्ता से बाहर करने के खिलाफ लाहौर के लिबर्टी चौक पर एक रैली निकाली। यह रैली रविवार को रात नौ बजे शुरू हुई और सोमवार तड़के तीन बजे तक चली। रैली के दौरान महिलाओं और बच्चों समेत कई समर्थकों ने खान के साथ एकजुटता दिखाई। फैसलाबाद, मुल्तान, गुजरांवाला, वेहारी, झेलम और गुजरात जिलों सहित पंजाब प्रांत के अन्य हिस्सों से भी बड़ी सभाएं होने की खबर मिली है।

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