डेस्क. भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज क्रिकेट प्लेयर और अपने जमाने में रोमांटिक हीराे जैसी पर्सनालिटी रखने वाले आलराउंडर सलीम दुर्रानी का निधन हो गया है. उनके बारे में कहा जाता है कि जब दर्शक सिक्सर की मांग करते थे तो वे कभी भी छक्के मारकर उन्हें खुश कर देते थे. 88 वर्षीय दुर्रानी के निधन के बाद उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों की कतार लग गई है. इसमें क्रिकेट जगत के वर्तमान व पूर्व खिलाड़ियों के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, जेपी नड्डा समेत अन्य शामिल हैं.
सलीम दुर्रानी साहब का जन्म अफगानिस्तान के काबुल में 11 दिसंबर 1934 को हआ था. लेकिन, उनके जन्म के बाद उनके पिता अब्दुल अजीज दुर्रानी उन्हें लेकर भारत आ गए. हालांकि देश विभाजन के बाद उनके पिता कराची चले गए. जबकि सलीम अपनी मां के साथ जामनगर गुजरात में रहने लगे. बाद में वे राजस्थान में बस गए.वहीं रहते हुए उनकी दिलचस्पी क्रिकेट के खेल में हुई और प्रथम श्रेणी से शुरुआत करते हुए फिर उनकी एंट्री टीम इंडिया में हुई.
ऐसा रहा क्रिकेट कॅरियर
सलीम के दौर में सिर्फ टेस्ट क्रिकेट होता था. उन्होंने जनवरी 1960 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने इंटरनेशन क्रिकेट कॅरियर का आगाज किया. अपने 13 साल के इंटरनेशन क्रिकेट कॅरियर में उन्होंने कुल 29 टेस्ट मैच खेले. इसमें उन्होंने 1202 रन बनाए. उनके नाम एक शतक और सात अर्धशतक दर्ज हैं. उनका उच्चतम स्कोर 104 रन रहा. उस दौर में जब टीम इंडिया स्ट्रगल कर रहा था तो यह प्रदर्शन बहुत शानदार माना जाता है.
इंग्लैंड के खिलाफ जीताई सीरीज
बता दें कि वर्ष 1961-62 में इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज भारतीय क्रिकेट टीम के इतिहास का टर्निंग पाइंट था, जिसमें इंग्लैंड को पटखनी दी गई थी. इसमें सलीम दुर्रानी ने बड़ा रोल प्ले किया था. दरअसल, वे बल्लेबाजी के साथ ही स्पिन गेंदबाजी में भी खासा दखल रखते थे. तब उन्होंने कोलकाता मैच में आठ और चेन्नई में हुए मैच में 10 विकेट चटकाए थे. इसी तरह वेस्टइंडीज को उनकी ही धरती पर पोर्ट ऑफ स्पेन में हराने में अहम भूमिका निभाई थी. क्लाइव लायड व गैरी सोबर्स जैसे दिग्गज बल्लेबाजों को उन्हेांने आउट किया था.
इसलिए थे दर्शकों के प्यारे
दुर्रानी मैच के दौरान जितने अपने टीम मेंबर्स के साथ जुड़े रहते थे, उतना ही लगाव अपने दर्शकों के प्रति भी रखते थे. यही वजह था कि जब दर्शक उनसे सिक्सर की मांग करते तो उन्हें निराश नहीं करते थे और छक्के मारकर उनकी डिमांड पूरी करते. लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब साल 1973 में उन्हें कानपुर टेस्ट में जगह नही मिली तो दर्शकों ने नो दुर्रानी, नो टेस्ट के नारे लगाए थे.
सलीम साहब को ऐसे दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
I had the opportunity to interact with the great Salim Durani Ji on various occasions. One such occasion was in January 2004 at a programme in Jamnagar, in which a statue of the great cricketer Vinoo Mankad Ji was inaugurated. Here are some memories from the programme. pic.twitter.com/alESpsVCcx
— Narendra Modi (@narendramodi) April 2, 2023
वीवीएस लक्ष्मण
India’s first Arjuna Award winning cricketer and a man who hit sixes on public demand, Salim Durani.
— VVS Laxman (@VVSLaxman281) April 2, 2023
Om Shanti. Heartfelt Condolences to his family , friends and loved ones. pic.twitter.com/DwdKamlxjy
गृहमंत्री अमित शाह
Deeply saddened by the demise of the legendary cricketer Salim Durrani Ji. As a true cricketing icon, he leaves an enduring legacy on the pitch and in our hearts. My heartfelt condolences to his family, friends, and fans in this hour of grief. Om Shanti
— Amit Shah (@AmitShah) April 2, 2023
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