Saturday ,October 19, 2024
होमदेश-दुनियासेना के इशारे पर दुश्मनों की मांद पर घुसेंगे चूहे, इसलिए खास है DRDO का ये प्रोजेक्ट...

सेना के इशारे पर दुश्मनों की मांद पर घुसेंगे चूहे, इसलिए खास है DRDO का ये प्रोजेक्ट

 Newsbaji  |  Jan 09, 2023 05:19 PM  | 
Last Updated : Jan 11, 2023 09:53 AM

नई दिल्ली। DRDO यानी हमारे देश का रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन एक अनूठे आपरेशन एनिमल साईबोर्ड को अंजाम देने पर जुटा हुआ है। इसके पूरा होते ही सेना के पास एक ऐसा हथियार विकसित हो जाएगा जो दुश्मनों को उनकी मांद में घुसकर इन्फार्मेशन देने में सक्षम रहेगा। ये कोई लोहे या प्लास्टिक का उपकरण नहीं बल्कि जीता—जागता चूहा होगा। सैन्य अफसर रिमोट कंट्रोल के जरिए चूहों को अपने मनचाही जगहों पर भेजेंगे और दुश्मनों को कानोंकान खबर नहीं होगी।

जी हां, ये सुनकर भले ही आपको आश्चर्य हो कि भला रिमोट कंट्रोल से एक जीता—जागता चूहा कैसे आपरेट होगा। तो आपको बता दें कि इसे ही एनिमल साईबोर्ग कहा जाता है। इसमें चूहों की बॉडी पर एक ऐसा सेंसर युक्त चिप फीड किया जाता है कि जिससे चिप रिमोट कंट्रोल से तो चलेगा ही, साथ ही कुछ सिग्नल्स चूहों के न्यूरांस के जरिए उनके दिमाग पर असर डालते हैं। इससे हम जैसा चाहें वैसा करने के लिए चूहों को प्रेरित कर सकते हैं।

डीआरडीओ के वैज्ञानिकों की प्रतिभा पर यदि आपके मन में कोई डाउट हो तो ये भी जान लीजिए कि इस प्रोजेक्ट का पहला चरण पूरा हो चुका है और अब दूसरे चरण का काम प्रगति पर है। जबकि इस प्रोजेक्ट को करीब सालभर पहले ही शुरू किया गया था। जबकि इस प्रोजेक्ट को लेकर डीआरडीओ की 108वीं इंडियन साइंस कॉन्ग्रेस में चर्चा भी की गई थी। साथ ही डीआरडीओ यंग साइंटिस्ट लैबोरेट्री एसीमेट्रिक टेक्नोलॉजी के निदेशक पी. शिवप्रसाद ने इसे लेकर एक प्रजेंटेशन भी दिया था।

ऐसे करता है काम
एनिमल साईबोर्ग तकनीक में किसी भी जिंदा जानवर की सर्जरी कर उसके शरीर के अंदर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस फीड की जाती है। उनकी गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए उनके शरीर में इलेक्ट्रॉड लगाया जाता है। इसके बाद सिग्नल्स के जरिए चूहे या किसी भी जानवर के दिमाग को मनमुताबिक सिग्नल दिया जा सकता है। इससे वह आपके चाहे अनुसार दिशा में जाने और वापस आने की कवायद में जुट जाता है। इससे जरूरी सूचनाएं उनके माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। हालांकि इसे लेकर कुछ जीव प्रेमी सवाल भी उठा रहे हैं कि इससे जानवरों को तकलीफ होगी। जबकि वैज्ञानिकों का कहना है कि हल्की तकलीफ तो होती है, लेकिन उसके परिणाम बड़े और सार्थक मिलने वाले हैं।

TAGS
 
admin

Newsbaji

Copyright © 2021 Newsbaji || Website Design by Ayodhya Webosoft