डेस्क. जम्मू कश्मीर के पूर्व व अंतिम राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने 2019 के पुलवामा अटैक को लेकर कई बड़े राज खोले हैं. द वायर के पत्रकार करण थापर को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ के अफसरों ने जवानों को तैनाती के लिए ले जाने के लिए एयरक्राफ्ट की मांग की थी, जिसे अनसुना कर दिया गया था. लेकिन, बाद में बीजेपी ने इसे चुनावी मुद्दा बना दिया था. वहीं इन सब मुद्दों को लेकर उन्होंने पीएम से चर्चा की थी, जिस पर प्रधानमंत्री ने उन्हें अभी चुप रहने को कहा था.
अभी चुप रहो, पाकिस्तान के खिलाफ जाएगा मामला
इंटरव्यू में पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने आगे बताया कि 14 फरवरी 2019 की शाम उत्तराखंड के कॉर्बेट नेशनल पार्क के बाहर पीएम ने उन्हें बुलाया था. तब मैंने उनसे कहा कि यह हमारी गलती है. अगर विमान देते तो ऐसा नहीं होता. उन्होंने मुझसे कहा कि तुम अभी चुप रहो. उसी समय कुछ चैनलों से इस बारे में मैंने कहा था जिस पर पीएम ने कहा कि ये सब मत बोलो, ये कोई और चीज है. हमें बोलने दो. मलिक ने ये भी बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भी उन्हें चुप रहने को कहा था. अब ये सारा मामला पाकिस्तान के मत्थे जाना है तो चुप रहो.
हाईवे पर बाइपास नहीं किए थे ब्लॉक
सत्यपाल मलिक ने इंटरव्यू में ये एक और बात कही कि इनती बड़ी तादात में जवानों को सड़क मार्ग से ले जाया जा रहा था. इसके बाद भी हाईवे में किसी भी रास्ते और बाइपास को ब्लॉक नहीं किया गया था. ये सौ फीसद खुफिया विफलता थी. जवानों के काफिले में टकराने वाली आतंकियों की गाड़ी 10-12 दिनों के लिए आसपास के गांवों से गुजर रही थी. जबकि उसमें अनुमानित 300 किलोग्राम विस्फोटक भरा हुआ था.
सीएम बघेल ने बीजेपी से मांगा जवाब
सत्यपाल मलिक का ये इंटरव्यू सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और इस पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. वहीं, कांग्रेस भी इसे मुद्दा बनाने की तैयारी में हैं. नेता भी अलग-अलग तरह के बयान दे रहे हैं. वहीं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी कहा है कि पुलवामा देश के जवानों की शहादत से जुड़ा हुआ मामला है. केंद्र सरकार और बीजेपी को इसका जवाब देना चाहिए.
भिलाई की स्मृति नगर चौकी पर पथराव, पुलिस ने 14 लोगों पर दर्ज किया मामला
शबरी पार छत्तीसगढ़ दाखिल हो रहे नक्सली का एनकाउंटर, एक जवान भी घायल
Copyright © 2021 Newsbaji || Website Design by Ayodhya Webosoft