Saturday ,October 19, 2024
होमदेश-दुनियाUP में मेहरबान होने वाला है मानसून, लखनऊ-कानपुर समेत 24 जिलों में बरसेंगे बदरा, उधर सूखा संकट से निपटने की तैयारी...

UP में मेहरबान होने वाला है मानसून, लखनऊ-कानपुर समेत 24 जिलों में बरसेंगे बदरा, उधर सूखा संकट से निपटने की तैयारी

 Newsbaji  |  Jul 15, 2022 09:18 AM  | 
Last Updated : Jan 06, 2023 10:18 AM

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मानसून रूठा हुआ है। यहां के आधिकांश जिलों में अभी तक बारिश नहीं हुई है। बारिश का इंतजार कर रहे प्रदेश के लोगों को लिए राहत भरी खबर आई है। मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि 17 जुलाई की शाम को मानसून शक्रिय होने की संभावना है। 18 जुलाई को मूसलाधार बारिश होगी। इससे पहले 15 और 16 जुलाई को तेज हवाएं चलेंगी।

बता दे कि, गुरुवार की रात राजधानी लखनऊ में तेज हवाएं चली। आसमान में बादल छाए रहे। बूंदाबांदी भी हुई, लेकिन कुछ ही देर में बादल छंट गए। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वैज्ञानिकों के अनुसार, शुक्रवार को प्रदेश के 24 जिलों में हल्की से मध्यम बारिश के आसार दिख रहे है।

सूखे के संकट की समीक्षा-सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार की शाम 75 जिलों में हुई बारिश और फसलों की अधिकारियों के साथ समीक्षा की है। बताया जा रहा है कि, यूपी के अधिकतर जिलों में बारिश औसत से बेहद कम करीब 36 फीसदी ही हुई है। इसका असर फसलों की बुआई पर पड़ रहा है। सीएम ने निर्देश जारी किए है कि सभी परिस्थितियों के लिए कार्ययोजना तैयार करें और किसानों को सही जानकारी दी जाए।

24 जिलों में हो सकती है हल्की से मध्य बारिश
मौसम विभाग मिली जानकारी के अनुसार, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, अयोध्या, गोंडा, बाराबंकी, अमेठी, लखनऊ, उन्नाव, रायबरेली, फतेहपुर, कानपुर नगर और देहात, औरैया, कन्नौज, बलिया, देवरिया, मऊ, गोरखपुर, प्रयागराज, कौशांबी, चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर और जालौन में हल्की बारिश की संभावना है। इसके अलावा उन्नाव, रायबरेली, कानपुर नगर, कानपुर देहात, कन्नौज, लखनऊ, फतेहपुर में मध्यम बारिश का अलर्ट जारी किया है।

फसलों की बुआई पर असर
प्रदेश में कम बारिश की वजह से खरीफ फसलों की बुआई भी प्रभावित हुई है। खरीफ अभियान 2022-23 के तहत 13 जुलाई की तक प्रदेश में 96 लाख हेक्टेयर बुआई का टारगेट होता है। इस साल अभी तक मात्र 42 लाख हेक्टेयर की बुआई हो सकी है। यह टारगेट का महज 44 फीसदी ही है। इसमें 45% हिस्सा अकेले धान की बुआई का है। पिछले साल 13 जुलाई तक करीब 54 लाख हेक्टेयर भूमि पर बुआई हो चुकी थी।

छह साल का टूटा रिकॉर्ड
मौसम विभाग के वैज्ञानिकों ने बताया कि, मानसून के आने के बाद आषाढ़ यानी जुलाई में सबसे कम बारिश इस साल हुई है। 6 साल पहले 2016 में आषाढ़ माह में सबसे कम बारिश हुई थी। आषाढ़ माह के 15 दिन में 77 मिलीमीटर ही बारिश रिकॉर्ड की गई है।

TAGS
 
admin

Newsbaji

Copyright © 2021 Newsbaji || Website Design by Ayodhya Webosoft