भोपाल. मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव कराए जाने की तैयारी तेज हो गई है। इसके लिए 26 मई को आरक्षण की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। सरकार ने भी राज्य निर्वाचन आयोग से आग्रह किया है कि मानसून को देखते हुए पहले पंचायत चुनाव करा लिए जाएं। दरअसल, बारिश के दौरान कई गांवों के रास्ते बंद हो जाते हैं। ऐसे में मतदान प्रभावित हो सकता है। अब राज्य निर्वाचन आयोग सभी पहलुओं पर विचार करके निर्णय लेगा।
राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह से नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने मुलाकात की है। इसके बाद उन्होंने ने कहा कि दोनों चुनाव एक साथ नहीं हो सकते हैं। सरकार ने आयोग से आग्रह किया है कि बारिश के पहले पंचायत के चुनाव हो जाएं। सूबे में 23 हजार पंचायतें हैं। बारिश में मतदान दल को पहुंचने और मतदाताओं को परेशानी हो सकती है। अंतिम निर्णय आयोग का होगा। इसके बाद पंचायत चुनाव के ठीक बाद नगरीय निकाय के चुनाव घोषित हो जाए।
चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने पर अभी निर्णय नहीं
महापौर और अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाने पर उन्होंने कहा कि अभी इस पर निर्णय नहीं हुआ है। वरिष्ठ नेताओं से विचार-विमर्श करके निर्णय लिया जाएगा। हम चुनाव के लिए पूरी प्रक्रिया के तहत तैयार हैं।
चुनाव से पहले हो सकती है अधिकारियों की तबादला सर्जरी
राज्य निर्वाचन आयोग ने नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के मद्देनजर शासन को तीन साल से एक स्थान पर पदस्थ अधिकारियों को हटाने के निर्देश दिए हैं। इसके दायरे में अपर कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, उप पुलिस अधीक्षक, थाना निरीक्षक, उप निरीक्षक, जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और नगरीय निकायों के अधिकारी आते है।
अधिकारियों का अवकाश निरस्त
राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तैयारियों को देखते हुए अपने अधिकारियों और कर्मचारियों का शनिवार और रविवार का अवकाश निरस्त कर दिया है। सभी अधिकारियों से कहा गया है कि वे दोनों दिन निर्धारित समय पर कार्यालय में उपस्थित होकर कार्यालीन काम करें।
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