नेशनल डेस्क. ISRO का Moon Mission यानी चंद्रयान 3 आज लॉन्च हो गया है. यह शुक्रवार की दोपहर 2:35 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से इसे प्रक्षेपित किया गया. यहां इसरो के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के साथ मौजूद रहे. बता दें कि इसका अगला स्टेशन चंद्रमा की धरती है, जहां एक पैलोड ले जाया जा रहा है. वहां सॉफ्ट लैंडिंग की योजना है, जिसमें एक रोवर यानी 6 पैरों वाला रोबोट उतरेगा और चंद्रमा की सतह से जरूरी नमूने जुटाएगा.
देश ही नहीं, विदेश के लोग, विशेषकर वैज्ञानिक भी भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा तैयार इस तिमशन पर नजरें गड़ाए हुए थे. बता दें कि चंद्रयान-3 को LVM3-M4 रॉकेट से लॉन्च किया गया है. चंद्रयान-3 को पहले के मिशन से कुछ अलग बताया जा रहा है. दरअसल, चंद्रयान-1 में केवल ऑर्बिटर रखा था. जबकि चंद्रयान-2 में ऑर्बिटर के साथ लैंडर व रोवर भी मौजूद थे. लेकिन, इस बार ऑर्बिटर नहीं है. लैंडर और रोवर ही जा रहे हैं, जिनमें से लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग होगी और फिर उसमें से निकलने वाला रोवर अपना काम शुरू करेगा.
विक्रम व प्रज्ञान उतरेंगे चांद पर
आपको बता दें कि इसरो ने चंद्रमा पर उतरने वाले लैंडर का नाम विक्रम रखा है. वहीं 6 पैरों वाले रोबोट रोवर को प्रज्ञान का नाम दिया गया है. ये दोनों चंद्रमा की सतह पर 23 अगस्त के आसपास उतरेंगे. दरअसल, चंद्रयान-3 मिशन को वर्ष 2021 में लॉन्च किया जाना था. तब कोरोना संक्रमण ने प्रभाव डाला. इसके कारण 2 साल की देरी से इसे प्रक्षेपित किया जा रहा है.
ये है मून मिशन 3 का लक्ष्य
23 से 24 अगस्त के बीच लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग करानी है. इसके लिए पहले चंद्रयान चंद्रमा के चारों ओर परिक्रमा करेगा. फिर 100 किलोमीटर की दूरी पर लैंडर इससे अलग हो जाएगा. जब लैंडर सतह पर उतर जाएगा तो फिर छह पहियों वाला रोवर उससे बाहर निकलेगा. फिर वह चंद्रमा की सतह पर पानी और खनिज आदि के बारे में पता लगाएगा. वहां प्राकृतिक संसाधनों के बारे में जानकारी दुनिया को मिल सकेगी.
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