डेस्क. Manish Kashyap Fake Video Case: बिहार की पटना पुलिस ने शनिवार को यूट्यूबर मनीष कश्यप को बेतिया से गिरफ्तार कर लिया है, जिससे देर रात तक पूछताछ की गई है. इसके अलावा आर्थिक अपराध इकाई यानी ईओयू की टीम ने भी उससे पूछताछ की है. आज उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा जहां से ईओयू उसकी रिमांड मांगेगी. जबकि उससे पूछताछ के लिए तमिलनाडु की पुलिस भी पहुंच चुकी है. बता दें कि बिहार के लोगों को तमिलनाडु में स्थानीय लोगों द्वारा पिटाई करने संबंधी फेक वीडियो वायरल करने के मामले में बिहार और तमिलनाडु पुलिस को मनीष कश्यप की तलाश थी.
बता दें कि मनीष कश्यप पर फर्जी वीडियो के साथ ही 10 कांडों में अब तक एफआईआर दर्ज की जा चुकी है. जबकि फर्जी वीडियो के मामले में तीन एफआईआर दर्ज की गई है. वहीं मनीष समेत कुल चार लोगों को इस मामले में पकड़ा जा चुका है. इसके साथ ही युवराज सिंह राजपूत समेत चार अन्य की पतासाजी के लिए पुलिस की टीमें छापेमारी कर रही है.
बेतिया में किया था आत्मसमर्पण
पटना पुलिस द्वारा मनीष कश्यप के खिलाफ अपराध दर्ज करने के बाद से वह फरार हो गया था. ईओयू का कहना है कि छह टीमों द्वारा बेतिया, मोतिहारी व पटना के साथ ही दो टीमें दिल्ली व गुड़गांव में संभावित ठिकानों पर लगातार छापेमारी की जा रही थी. शुक्रवार की रात वह उत्तर प्रदेश के रास्ते से पटना आ गया था. यहां उसे जानकारी हुई कि उसके घर कुर्की हो गई है और उसके सामान उठाकर पुलिस थाने ले आई है. तब वह छिपकर बेतिया पहुंच गया. शनिवार को वहां उसने बेतिया पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया. तब सूचना पर पटना पुलिस वहां पहुंची और उसकी गिरफ्तारी की.
नेटवर्क और उद्देश्य पूछेगी पुलिस
माना जा रहा है कि आरोपी मनीष कश्यप के पास एक तगड़ा नेटवर्क है, जिसके आधार पर वह न सिर्फ अपने वीडियो वायरल कर रहा था, बल्कि पब्लिसिटी भी हासिल कर रहा था. बाकायदा ब्रांडिंग कर रहा था और इसके लिए जगह-जगह अवैध होर्डिंग भी लगाई जा रही थी. पुलिस उससे ये भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर वह किस उद्देश्य से फर्जी वीडियो बनाकर शेयर कर रहा था.
ये है असल मामला
पिछले दिनों तमिलनाडु में काम करने के लिए गए बिहार राज्य के लोगों पर स्थानीय लोगों द्वारा हिंसा करने संबंधी एक के बाद एक कई वीडियो वायरल होने लगे थे. इसके बाद से पूरे देश में माहौल बन गया कि तमिलनाडु में बिहार के लोगों के साथ अत्याचार किया जा रहा है. तब तमिलनाडु पुलिस ने जांच शुरू की और यूट्यूबर मनीष कश्यप का नाम प्रमुखता से सामने आया कि वह फेक वीडियो बनाकर वायरल कर रहा है. इसकी सूचना बिहार सरकार व पुलिस को दी गई. तब उसके खिलाफ अपराध दर्ज किया गया और बिहार की पटना पुलिस ने उसकी तलाश शुरू कर दी. इस बीच मनीष फरार हो गया था. जबकि आर्थिक मामलों में भी ईओयू को उसकी तलाश थी.
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