डेस्क. CBI Court News: साल 2003 में मणिपुर सरकार के तत्कालीन मंत्री फ्रांसिस न्गाजोक्पा की आठ साल की बेटी लुंगनिला एलिजाबेथ का अपहरण कर हत्या कर दी गई थी. मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी. चार आरोपियों की गिरफ्तारी की गई, जिनमें से दो की मौत हो चुकी है. वहीं दो आरोपियों को सीबीआई की विशेष अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
बता दें कि ये उस समय का बेहद चर्चित मामला था. तब मणिपुर सरकार के मंत्री फ्रांसिस न्गाजोक्पा की बेटी एलिजाबेथ मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले के संगाईप्रोउ स्थित एक स्कूल में पढ़ रही थी. चार आरोपियों ने 4 नवंबर 2003 को स्कूल से ही उसका अपहरण कर लिया था. मणिपुर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की, लेकिन 12 नवंबर को बच्ची की लाश मणिपुर में एक गड्ढे में बोरे के अंदर मिली.
जब पुलिस आरोपियों को पकड़ने में नाकाम रही तो मणिपुर सरकार ने मामले की जांच सीबीआई से कराने का फैसला किया. सीबीआई ने जांच की जिम्मेदारी अपने कंधे पर लीऔर फिर एक-एक कर इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर उन्हें कोर्ट में पेश किया गया. वहां से उन्हें जेल भेज दिया गया था.
इन्हें हुई सजा
28 दिसंबर 2007 को उन चार आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था. अभियोग के दौरान ही दो आरोपियों की एक-एक कर मौत हो गई. जबकि निंगोमबम रोम मेतेई उर्फ रोमेन उर्फ माइकल उर्फ रमेश सिंह उर्फ लॉयलकपा और लेटखोसी हाओकिप उर्फ जेम्स कुकी उर्फ लेटसी उर्फ सिबोई उर्फ सेइसी उर्फ जॉर्ज उर्फ जेम्स उर्फ किंग को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.
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