लखनऊ. उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण 12 मार्च 2022 को प्रदेश के सभी भरण पोषण प्राधिकरणों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन करने जा रहा है। शासन द्वारा इस संबंध में प्रदेश के समस्त जिला मजिस्ट्रेट, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक, चारो पुलिस आयुक्तों, अपर पुलिस महानिदेशक, अभियोजन और अपर पुलिस महानिदेशक, यातायात को आवश्यक निर्देश भेजे गए है। यहां पर वैकल्पिक विवाद समाधान प्रणाली के अधीन होंगे, समझौता होने के साथ ही अपीलों को भी चिन्हित किया जाएगा। जिससे उनका निस्तारण किया जा सकेगा।
राष्ट्रीय लोक अदालत में शमनीय आपराधिक (जिन अपराधों में दो पक्षों के बीच समझौता हो जाता है) मामले, चेक बाउंस से सम्बन्धित धारा 138, ए0एन0आई0एक्ट/बैंक रिकवरी के वाद, मोटर दुर्घटना प्रतिकर/श्रम वाद, बिजली और जल के बिल से सम्बन्धित शमनीय दण्ड वाद, वैवाहिक/पारिवारिक वाद, भूम अध्याप्ति वाद, सेवा निवृत्त के परिलाभों सम्बन्धी मामले, राजस्व वाद एवं अन्य सिविल वादों से संबंधित वाद निस्तारित होंगे। शासन की तरफ से जारी निर्देश में कहा गया है कि लोक अदालत की सफलता के लिए वैकल्पिक विवाद समाधान प्रणाली के अधीन समझौते के आधार पर निपटाए जाने योग्य मामलों, वादो, अपीलों को चिन्हित किया जाए। साथ ही प्रस्तावित राष्ट्रीय लोक अदालत के संबंध में वादकारियों को आदेशिकाओं एवं समन की तामील कराए जाने के संबंध में व्यवस्थित प्रणाली विकसित की जाए। साथ ही कोविड-19 की परिस्थितियों के दृष्टिगत यदि पूर्व आयोजित बैठकों में वादकारियों के बीच सुलह समझौता हो जाए, तो उन्हें लोक अदालत में प्रतिभाग हेतु न बुलाया जाए।
20199 मामलों का पिछली लोक अदालत में हुआ था निस्तारण
10 जुलाई 2021 को हुए राष्ट्रीय लोक अदालत में 20199 मामलों का निस्तारण हुआ था। इसमें मोटर एक्सीडेंट क्लेम, ई-चालन, आपराधिक शमनीय वाद, चेक बाउंस, बैंक रिकवरी, दहेज उत्पीड़न व किरायेदारी समेत अन्य कई मामले शामिल थे।
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