नेशनल डेस्क. उत्तरप्रदेश के बाराबंकी के सतरिख स्थित टीआरसी लाॅ काॅलेज में तीन दिवसीय राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता हुई्र. इसके फाइनल राउंड में इंटीग्रल यूनिवर्सिटी लखनऊ और जयपुर यूनिवर्सिटी की टीमों ने भाग लिया. वहीं इंटीग्रल यूनिवर्सिटी की टीम के छात्रों ने अपनी बातें प्रभावी ढंग से रखते हुए बहस में हिस्सा लिया. साथ ही राष्ट्रीय मूटकोर्ट की विनर भी ये टीम बनी. रिटायर्ड जज व यूपी पुलिस के डीजी ट्रेनिंग भी उनकी बहसों से खास प्रभावित हुए.
बता दें कि फाइनल राउंड को इलाहाबाद हाईकोर्ट लखनऊ बेंच के भूतपूर्व न्यायाधीश अनिल कुमार, उत्तर प्रदेश पुलिस में डीजी ट्रेनिंग डा. संजय एम. तरडे, लखनऊ विश्वविद्यालय में विधि संकाय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अभिषेक तिवारी और साकेत पीजी काॅलेज अयोध्या में विधि संकाय के प्रोफेसर डॉ. अजय कुमार सिंह की बेंच ने जज किया. मूटकोर्ट की बहस का सब्जेक्ट धारा 302 भारतीय दण्ड संहिता पर था. इस पर धारा 84 का बचाव लेते हुए अपनी बहस को रखना था.
हाईकोर्ट्स व सुको के फैसलों की पेश की नजीर
प्रतियोगिता का फाइनल राउंड शुरू होते ही सबसे पहले अपीलांट ने देश के अलग-अलग उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालयों के फैसलों की नजीर पेश करते हुए धारा 84 पर अपना पक्ष रखा. साथ ही तार्किकपूर्ण ढंग से किए गए अपराध के पक्ष में अपना बचाव प्रस्तुत किया. मानसिक दुराशय और विकृतचित्ता पर अपने पक्ष को भी रखा. उनकी बहस पर न्यायाधीशों ने अलग-अलग सवाल भी किए. इसका जवाब अपीलांट पक्ष के प्रतिभागियों ने विधि में तमाम प्रावधानों में उल्लखित कानूनों का हलावा देते हुए बखूबी तरीके से दिया. इसे जजों की टीम ने गंभीरता से सुना भी.
कई धाराओं पर हुई बहस
फाइनल राउंड में कई अन्य धाराओं पर भी बहस हुई. लगभग 40 मिनट तक चली बहस में दोनों पक्षों की बातों को सुनने के बाद वहां मौजूद जजों ने इंटीग्रल यूनिवर्सिटी लखनऊ की टीम को विजेता और जयपुर यूनिवर्सिटी की टीम को उपविजेता घोषित किया. जजों के पैनल ने दोनों टीमों को नकद पुरस्कार, प्रशस्ति पत्र और ट्राॅफी देकर सम्मानित भी किया.
एसआई ट्रेनिंग में अपनाएंगे: डीजी
कंपीटिशन में मौजूद उत्तर प्रदेश पुलिस में डीजी ट्रेनिंग संजय एम. करडे ने कहा कि मूटकोर्ट कंपटीशन में भाग लेने वाले कॉलेज के बच्चे काफी प्रतिभावान हैं. बच्चों का टैलेंट देखकर उन्हें काफी खुशी हुई. उन्होंने कहा कि अब वह सब इंस्पेक्टर के प्रशिक्षण में भी मूट कोर्ट की व्यवस्था बनवाएंगे. इससे सभी सब इंस्पेक्टर को कानून की अच्छे से जानकारी हो सकेगी. सब इंस्पेक्टर को अपनी नौकरी के दौरान अक्सर कोर्ट ने पेश होना रहता है. ऐसे में इसका एक्सपीरियंस उनको आने वाली नौकरी में काफी मदद करेगा.
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