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IGL के जेनेसीस 3.0 में असम-मेघालय के बीच व्यावसायिक अवसर पर किया जागरूक, प्रदेश को बताई पूर्व की ज्योति

 Newsbaji  |  Jan 07, 2024 11:32 AM  | 
Last Updated : Jan 07, 2024 11:32 AM
कार्यक्रम का उद्देश्य  राज्यों के बीच व्यावसायिक अवसर उपलब्ध कराना है.
कार्यक्रम का उद्देश्य राज्यों के बीच व्यावसायिक अवसर उपलब्ध कराना है.

नेशनल डेस्क. यूपी की राजधानी लखनऊ में 6 जनवरी को इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड और सोसायटी फॉर इको एनर्जी एंड सस्टेनिबिलिटी की ओर से ग्लोबल नॉर्थ ईस्ट सस्टेनिबिलिटी इंडिया सम्मिट का यानी जेनेसीसी 3.0 (Genesis 3.0) आयोजन किया गया.  कार्यक्रम के तीसरे संस्करण को यूपी राम ( UP-RAM) थीम दिया गया.

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य  उत्तर भारत के राज्य मुख्यतः उत्तर प्रदेश, राजस्थान तथा नार्थ ईस्ट के राज्य खासकर असम और मेघालय के बीच व्यावसायिक अवसर और उपलब्धता पर लोगों का ध्यान आकर्षित करना तथा सरकारी योजनाओं के प्रति लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ आम जन की बातों को सरकार तक कैसे पहुंचाई जाए है.

कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान के साथ कि गई.तत्पश्चात भूतपूर्व सैनिक ऋषि दीक्षित,भूतपूर्व सैनिक राजेन्द्र मिश्र, सोसायटी फ़ॉर इको एनर्जी एंड  सस्टेनिबिलिटी के संस्थापक दीपक पांडेय और युवा नेता पंकज ओझा ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम को आगे बढ़ाया. दीपक पांडेय ने मौजूद लोगों को कार्यक्रम के उद्देश्यों से अवगत करते हुए कहा कि सरकार विभिन्न योजनाओं के द्वारा लोगों को लाभ पहुंचाने की कोशिश कर रही है लेकिन अभी भी लोग जानकारी के अभाव में कई योजनाओं से वंचित रह जाते है ऐसे में लोगों को जागरूक करने की जरूरत है तथा सरकार तक आम जन की बात पहुंचाने के लिए जेनेसिस (genesis) एक माध्यम है.

वही कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. आर्तिका तिवारी ने कहा कि पुराने समय का प्राग्ज्योतिषपुर आज असम के नाम से जाना जाता है. वहीं, असम पूर्व की ज्योति के नाम से विख्यात है. दूसरी तरफ यह प्रदेश वन प्रदेशों, नदियों, झरनों और सुंदर पर्वतमालाओं से भरा हुआ है. यहां जितनी सुंदरता है, अब उतनी सुंदरता से इसे संवारने का कार्य मौजूदा केंद्र सरकार कर रही है.

अभी हाल में ही पीएम नरेंद्र मोदी ने असम को कई सौगातें सौंपी हैं. जिनमें से धुबरी फूलबारी पुल, बहुस्तरीय कैंसर अस्पताल, अमृत सरोवर आदि प्रमुख हैं. वहीं, असम में वह सभी संभावनाएं मौजूद हैं, जो एक दिन देश के विकास का इंजन बन सकता है. इस वजह से यहां सरकार ने अपना ध्यान अधिक आकृष्ट किया हुआ है.

साथ ही यहां के लोगों के द्वारा बांस और बेंत से कलाकृतियां और फर्नीचर बनाया जाता है. वहीं जोरहट की मीनाकारी ज्वेलरी भी बहुत मशहूर है जो कि एक अच्छा व्यावसायिक विकल्प हो सकता है. उसी प्रकार मेघालय में भी व्यवसाय से जुड़ी व्यापक संभावनाएं युवा उद्यमियों के लिए मौजूद है.

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