नेशनल डेस्क। शिमला के रिज मैदान पर सुखविंद्र सिंह सुक्खू को राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने प्रदेश के 15वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई। मुकेश अग्निहोत्री ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ग्रहण की। https://twitter.com/SukhvenderSukhu/status/1601861077964578818?s=20&t=spjHZvHSK-ewP8tEBqd4rg हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर ज़िले के नादौन तहसील के सेरा गाँव से ताल्लुक रखने वाले सुखविंदर सिंह सुक्खू का जन्म 26 मार्च 1964 को हुआ था। साधारण परिवार में जन्मे सुखविंदर सिंह सुक्खू के पिता रसील सिंह हिमाचल पथ परिवहन निगम शिमला में बस ड्राइवर थे। इससे पहले हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के तीन मुख्यमंत्री रहे। डॉ यशवंत सिंह परमार, ठाकुर रामलाल और वीरभद्र सिंह तीनों राजपूत जाति थे। इस बार भी कांग्रेस ने राजपूत जाति से ही ताल्लुक रखने वाले सुक्खू को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया। बता दे कि, साल 2011 की जनगणना के अनुसार हिमाचल प्रदेश की 50.72 प्रतिशत आबादी सवर्णों की है। इनमें से 32.72 फ़ीसदी राजपूत और 18 फ़ीसदी ब्राह्मण हैं। 25.22 फ़ीसदी अनुसूचित जाति, 5.71 फ़ीसदी अनुसूचित जनजाति, 13.52 फ़ीसदी ओबीसी और 4.83 प्रतिशत अन्य समुदाय से हैं। परिवारिक पृष्ठभूमि जानकारी अनुसार, सुखविंदर सिंह की माता संसार देवी गृहिणी हैं। उन्होंने हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में अपनी शुरुआती पढ़ाई से लेकर एलएलबी तक की पढ़ाई की है। वो अपने चार भाई-बहनों में से दूसरे नंबर पर आते हैं। उनके बड़े भाई राजीव सेना से रिटायर हैं। उनकी दो छोटी बहनों की शादी हो चुकी है। उनकी शादी 11 जून 1998 को कमलेश ठाकुर से हुई थी। उनकी दो बेटियां हैं जो दिल्ली विश्वविद्यालय से पढ़ती है। राजनीतिक सफर सुखविंदर सिंह सुक्खू अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत कांग्रेस के छात्र विंग एनएसयूआई (NSUI) से की थी। यहां वह शिमला के संजौली कॉलेज में क्लास रिप्रेजेंटेटिव और स्टूडेंट सेंट्रल एसोसिएशन के महासचिव चुने गए। बाद में वो राजकीय महाविद्यालय संजौली में स्टूडेंट सेंट्रल एसोसिएशन के अध्यक्ष बने। यहां उन्होंने युवा छात्रों के बीच अपनी जबर्दस्त पकड़ बनाई। छात्र राजनीति में ही अपनी पकड़ इतनी मजबूत कर ली थी कि 1998 से 2008 तक लगातार दस साल, युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे। अपने राजनीतिक करियर के दौरान ही वो दो बार शिमला नगर निगम के पार्षद भी रहे। साल 2003 में उन्होंने अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ा और वह पहली बार हिमाचल प्रदेश विधानसभा में पहुंच गए। इसके बाद 2007, 2017 और अब 2022 में नादौन विधानसभा क्षेत्र से चौथी बार विधायक चुने गए। इस बीच 2008 में वो प्रदेश कांग्रेस के महासचिव बने।
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