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गैंगस्टर विकास दुबे का पंचायत भवन पर था कब्जा!, जानिए...बंद कमरों के 22 महीनों का राज

 Newsbaji  |  May 20, 2022 12:19 PM  | 
Last Updated : Jan 06, 2023 10:18 AM

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित बिकरू कांड के बाद एनकाउंटर में मारे गए हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के बंगले के पास बने पुराने पंचायत भवन में उसका 653 बोरे में अनाज भरा मिला है। बताया जा रहा है कि यह भवन विकास दुबे ने ही अपनी प्रधानी के दौरान बनवाया था और यहां अपने खेतों से गेहूं लाकर भरवाया करता था जो कि आज भी इसी पंचायत भवन के कमरों में रखा था। पंचायत भवन के दरवाजों पर विकास दुबे ने ताला लगवाया था। हालांकि वर्तमान ग्राम प्रधान मधु देवी ने डीएम को इस बात की शिकायत पहले की थी।

653 बोरी अनाज में लगी दीमक
दरअसल, बिकरू कांड के बाद गैंगस्टर विकास दुबे को एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया था। लेकिन 22 महीने बाद भी गांव में उसका खौफ जिंदा है। गांव वाले बताते हैं कि उसका पंचायत भवन पर कब्जा था, खेतों से आने वाले अनाज को पंचायत भवन के कमरों में भरा जाता था। यही से गांव का राशन वितरित होता था। कांड के बाद तहसील प्रशासन ने कमरों से गेहूं और चावल के करीब 653 बोरे कब्जे में लिए थे। जिन्हें एक कमरे में रखवा कर ताला बंद कराया गया था। लेकिन उसके बाद से कोई देखने तक नहीं आया। जिसकी वजह से कमरे में रखा अनाज में कीड़े व दीमक लगने से खराब भी हो गया है।

क्या था बिकरु कांड?
कानपुर जिले में 2 जुलाई 2020 को बहुचर्चित बिकरू कांड हुआ था। जिसमें विकास दुबे और उसके गुर्गों ने उन्हें पकड़ने के लिए गांव पहुंची पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। इस मुठभेड़ में 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। इसके बाद पुलिस ने विकास दुबे के कई साथियों को एनकाउंटर में मार गिराया था। जबकि खुद विकास फरार भागने में कामियाब हुआ था। पुलिस ने कुछ दिनों बाद उसे मध्य प्रदेश के उज्जैन में पकड़ा था। हालांकि यूपी लाने के दौरान गाड़ी पलटने के बाद रास्ते में कथित रूप से फरार होने के दौरान पुलिस की गोलियों से मारा गया था।

(टीम Newsbaji)

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