नई दिल्ली। द्रौपदी मुर्मू को देश की 15वीं राष्ट्रपति के तौर पर चीफ जस्टिस एन.वी.रमना ने शपथ दिलाई है। वह देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनी हैं। सुबह 10:15 बजे द्रौपदी मुर्मू ने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद की शपथ ली। इस मौके पर उन्हें 21 तोपों की सलामी भी दी गई।
पढ़िए शपथ ग्रहण के बाद उनका भाषण
इससे पहले वो राष्ट्रपति भवन पहुंचीं, यहां उन्होंने रामनाथ कोविंद और उनकी पत्नी से मुलाकात की। दोनों ने मुर्मू को बधाई दी। राष्ट्रपति भवन के लिए निकलने से पहले राजघाट पहुंचकर उन्होंने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी।
ओडिशा से खास मेहमानों को बुलाया गया
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ समारोह में देश के सर्वोच्च पद के लोग शामिल हुए हैं। राजनेता, न्यायाधीश, ब्यूरोक्रेट्स, लेकिन इस समारोह में द्रौपदी ने अपने खास लोगों को निमंत्रण देकर बुलाया है। ओडिशा के मयूरभंज जिले से 64 लोग इस समारोह में शामिल हुए। वैसे तो द्रौपदी मुर्मू के करीबियों की लिस्ट हजारों में है। मई 2015 में जब उन्होंने गवर्नर पद की शपथ ली थी, तब करीब 3 हजार लोग झारखंड के रांची और उड़ीसा के मयूरभंज जिले से द्रौपदी के खास मेहमान बनकर वहां पहुंचे थे।
सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति
मुर्मू आजादी के बाद पैदा होने वाली पहली और शीर्ष पद पर काबिज होने वाली सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति होंगी। वह राष्ट्रपति बनने वाली दूसरी महिला भी हैं। मुर्मू (64 वर्ष) ने विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को हराया है। मुर्मू ने निर्वाचक मंडल सहित सांसदों और विधायकों के 64 फीसदी से अधिक वैध वोट लेकर जीत दर्ज की। मुर्मू को सिन्हा के 3 लाख 80 हजार 177 वोटों के मुकाबले 6 लाख 76 हजार 803 वोट मिले थे।
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