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पदयात्रा और रथयात्रा, जिन्होंने भारतीय राजनीति का इतिहास बदला! क्या राहुल गांधी उसी रास्ते पर निकलने वाले है?

 Newsbaji  |  May 15, 2022 03:15 PM  | 
Last Updated : Jan 06, 2023 04:15 PM

उदयपुर। राजस्थान में कांग्रेस पार्टी ने चिंतन शिविर किया। सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस पार्टी की तीन दिवसीय चिंतन शिविर में देश भर के विभिन्न राज्यों के कोंग्रेसी नेता शामिल हुए। कांग्रेसी नेताओं के बीच पार्टी एवं संगठन को मजबूत करने सहित 2024 में होने जा रहे लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर पार्टी द्वारा कई अहम फैसले लिए गए है। जिसमें बताया जा रहा है कि राहुल गांधी लोकसभा चुनाव से पहले कश्मीर से कन्याकुमारी तक पदयात्रा करने वाले है।

कश्मीर से कन्याकुमारी तक पदयात्रा!
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के चिंतन शिविर के दूसरे दिन शनिवार को उदयपुर में पार्टी महासचिवों, प्रदेश प्रभारियों, प्रदेश इकाई के अध्यक्षों, विधायक दल के नेताओं के साथ बैठक की है। वहीं पार्टी सूत्रों ने यह भी जानकारी दी कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी अगले साल कश्मीर से कन्याकुमारी की यात्रा करेंगे और इसमें से अधिकांश जगहों की ‘पदयात्रा’ होगी। सामाजिक न्याय पर पार्टी पैनल ने कहा कि वह कांग्रेस कार्य समिति सहित कमजोर वर्गों के लिए संगठन के भीतर सभी स्तरों पर 50 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने की सिफारिश करेगा।

यात्राएं जिन्होंने बदला राजनीतिक समीकरण
भारत की राजनीति में पदयात्रा और रथयात्रा ने समूचे समीकरण को बदलकर रखा है। ऐसे में अगर राहुल गांधी यात्रा पर निकलते है तो आने वाले समय में कांग्रेस पार्टी को मजबूती जरुर मिलेगी। क्योंकि इन यात्राओं को देखे तो काफी महत्व रखती है। ऐसे ही कुछ आंकड़े है जिन्होंने राजनीति की दशा-दिशा दोनों ही बदली है।

  • 2017-18 में तत्कालीन पीसीसी अध्यक्ष व वर्तमान छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा को सत्ता से उखाड़ने के लिए प्रदेश में करीब 500 किमी से अधिक की पदयात्राएं की। उसके बाद 15 साल बाद कांग्रेस पार्टी सत्ता में वापस हुई।
  • 2017-18 में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले दिग्विजय सिंह की नर्मदा यात्रा भी कई मायनों में ऐतिहासिक साबित हुई थी।
  • वाईएसआर रेड्डी के बेटे जगन मोहन रेड्डी ने भी 2017-18 में पदयात्रा कर इतिहास रच दिया था।
  • 2014 में 2400 किलोमीटर पदयात्रा का सहारा लेकर चंद्रबाबू नायडू की दोबारा मुख्यमंत्री पद पर ताजपोशी।
  • 2012 में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की साइकिल यात्रा ने सपा को इतिहास की सबसे बड़ी जीत दिला दी थी।
  • 2003 में कांग्रेस नेता वाईएसआर रेड्डी 1600 किलोमीटर लंबी पदयात्रा की।
  • चन्ना रेड्डी ने 1989 में पदयात्रा की थी, जिसके बाद आंध्र की सत्ता पर काबिज हुए थे।
  • लालकृष्ण आडवाणी की 1989 की ऐतिहासिक रथयात्रा ने पूरे भारत की राजनीति को बदल कर रख दिया।
  • 1983 में चंद्रशेखर की 4000 किलोमीटर की भारत यात्रा भी देश की राजनीति की अभूतपूर्व घटनाओं में शामिल है। सात साल बाद चंद्रशेखर प्रधानमंत्री पद की कुर्सी पर काबिज हुए।

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