उत्तराखंड विधानसभा चुनाव की मतगणना के बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल देहरादून पहुंचकर मोर्चा संभाल लिया है। कांग्रेस को वहां विधायकों की हॉर्स ट्रेडिंग का खतरा है। लिहाजा विधायकों को संभालने के लिए पार्टी ने भूपेश बघेल को जिम्मेदारी सौंपी है। मुख्यमंत्री बुधवार शाम को विशेष विमान से देहरादून के लिए रवाना हुए थे। उत्तराखंड में विधानसभा की 70 सीटें हैं। हालांकि शुरुआती रुझानों में वहां भाजपा बढ़त बनाए हुए है।
उत्तराखंड जाने से पहले रायपुर में सीएम ने कहा कि पार्टी ने एक जिम्मेदारी दी है, उसके लिए वे तैयार हैं। उत्तराखंड में कांग्रेस को बहुमत मिल रहा है, इसमें कोई शक नहीं है। लेकिन भाजपा ने पिछले चुनावों में गोवा, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में जो किया उसको ध्यान में रखकर सतर्कता जरूरी है। इस लिए मुझे यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।
जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस ने अपने सभी उम्मीदवारों को जीत के बाद तुरंत देहरादून पहुंचने को कहा है। अगर जरूरत पड़ी तो दूरदराज के विधायकों को लाने के लिए हेलिकॉप्टर भी भेजा जा सकता है। अगर मुख्यमंत्री का नाम तय करने में या बहुमत का दावा करने में देर होती है या बाड़ाबंदी के हालात बनते हैं तो कांग्रेस अपने विधायकों को छत्तीसगढ़ ला सकती है, यहां उन्हें सुरक्षित ठहराने की व्यवस्था पहले ही कर ली गई है।
इसके अलावा विधायकों को बचाने में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मदद के लिए कांग्रेस के दूसरे नेता भी वहां तैनात कर दिए गए हैं। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, सांसद दीपेंद्र हुड्डा, स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अविनाश पांडे, प्रवक्ता गौरव वल्लभ सहित अन्य रणनीतिकार भी देहरादून पहुंचने की खबरें आ रही है।
भाजपा ने कैलाश विजयवर्गीय को उतारा मैदान में
वहीं भाजपा ने राष्ट्रीय महासचिव और मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को उत्तराखंड भेज दिया है। उनको भाजपा की सरकार बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। इसकी वजह से भी कांग्रेस खेमा अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है। प्रत्याशियों के साथ एक-एक पर्यवेक्षक को भी लगा दिया गया है।
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