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राम मंदिर निर्माण में BSP का लोहा, 190 टन TMT की हो चुकी है सप्लाई, राम जी का ननिहाल है छत्तीसगढ़

 Newsbaji  |  May 10, 2022 08:52 PM  | 
Last Updated : Jan 06, 2023 10:18 AM

दुर्ग-भिलाई। अयोध्या के राम मंदिर से देश-दुनिया के करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी है। मंदिर के निर्माण के लिए राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ के भिलाई स्टील प्लांट (BSP) लोहे की सप्लाई कर रहा है और अभी तक 190 टन टीएमटी स्टील भेजा जा चुका है। यह भिलाई के लिए गर्व की बात है कि अयोध्या में बन रहे राम मंदिर निर्माण कार्य में भिलाई के स्टील का प्रयोग किया जा रहा है। देश दुनिया में अपनी गुणवत्ता व उत्कृष्टता के लिए प्रसिद्ध, बीएसपी के स्टील उत्पादों ने देश के बड़े-बड़े परियोजनाओं को नई शक्ति दी है। रक्षा क्षेत्र हो या अधोसंरचना या रेल परिवहन की बात, हर जगह भिलाई का स्टील मौजूद है और अब भिलाई का स्टील राम मंदिर निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

भूकंपरोधी टीएमटी की सप्लाई
अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के निर्माण की मजबूती के लिए विशेष तरह के स्टील का उपयोग किया जा रहा है। जिसके लिए सेल-बीएसपी द्वारा अब तक विभिन्न आयामों के 550 डी ग्रेड की लगभग 190 टन टीएमटी बार की सप्लाई कर चुका है। इस परियोजना के लिए टीएमटी बार का उत्पादन प्लांट के आधुनिक बार एंड रॉड मिल और मर्चेंट मिल दोनों में किया गया है। आपूर्ति की गई सामग्री में बार एंड रॉड मिल में उत्पादित 550 डी ग्रेड के 12 मिमी व्यास वाले लगभग 120 टन टीएमटी बार और मर्चेंट मिल में उत्पादित समान ग्रेड वाले 32 मिमी व्यास वाले लगभग 65 टन टीएमटी बार शामिल हैं।

बीएसपी का टीएमटी, जो राम मंदिर में लगेगा।

गौरतलब है कि भिलाई की मोडेक्स इकाई, बार एंड रॉड मिल के उत्पाद देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंच चुके हैं। सेल-भिलाई के उत्पादों की बेहतर गुणवत्ता, नकारात्मक सहनशीलता और स्थाई यांत्रिक गुणों और आईएस-1786 मानदंडों के अनुसार उत्पादित अच्छी वेल्डेबिलिटी के उत्पाद है इन उत्पादों की ग्राहकों द्वारा व्यापक रूप से सराहना की गई है।

अन्य उपक्रमों में भी हो रहा इस्तेमाल
बता दे कि, देश में बांधों, थर्मल, हाइड्रो-इलेक्ट्रिक और परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं, पुलों, राजमार्गों, फ्लाईओवरों, सुरंगों और ऊंची इमारतों के अलावा कुछ ऐतिहासिक परियोजनाएं हैं, जैसे बांद्रा वर्ली सी लिंक ब्रिज, सरदार वल्लभभाई पटेल की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, आगरा एक्सप्रेस-वे जिस पर लड़ाकू विमान उतरे हैं और उत्तर और उत्तर-पूर्व भारत में कई पुलों और सुरंगों में सेल-भिलाई के टीएमटी बार का इस्तेमाल किया गया है।

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