छत्तीसगढ़. इसे देखकर शायद आप यही सोचेंगे कि यह किसी पेड़-पौधे के डालियों के छोटे-छोटे टुकड़े हैं, मगर यह ऐसा कुछ नहीं है। तस्वीर में आप जो देख रहे हैं। वह पौधों में लगने वाले बैगवॉर्म कीट का घरौंदा है जो पौधों के पत्ते को कांटकर उसे नुकसान पहुंचाता है। यह कीट जिस पौधे में रहता है, उसी के पत्तों को कांटकर खूबसूरत कारीगरी के साथ अपने रहने के लिए बैग बनाता है। फिर उसे पौधे के तने में लटका देता है और उसी बैग में छूपा रहता है।
पौधे के पत्ते टूटकर गिरने पर प्रथम दृष्टया पता ही नहीं चलता कि कीट के प्रकोप के कारण ऐसा हो रहा है। इसके बैग को देखकर लगता है कि पौधे का डंठल टूटकर लटका हुआ है। इस तरह कीट अपने आप को सुरक्षित रखकर पौधे का रस भोजन के रूप में लेते रहते है। जैसे ही बैग को पौधे से अलग करो तो थोड़ी ही देर में भूख की वजह से यह बैग के बाहर आने लगता है।
प्रकृति ने हर प्राणी को ऐसे गुणों से नवाजा जिससे कि वह हम इंसानो की भांति अपने रहने के लिए घर भी बनाता है। बहुत से जीव जंतुओं के घोंसला ( घरौंदा ) में इतनी खूबसूरत कारीगरी रहती है कि उनकी तकनीकी देखकर इंसान भी अचंभित रह जाते हैं। बैगवॉर्म कीट द्वारा तैयार उनके घरौंदा में भी हमें कहीं जोड़ आसानी से दिखाई नहीं देते है।
यह कीट कहीं भी रहते हैं। उपयुक्त मेजबान पौधे उपलब्ध हैं, विशेष रूप से जंगल या देवदार, जुनिपर या आर्बरविटे के साथ परिदृश्य। यूएस में, बैगवर्म्स मैसाचुसेट्स दक्षिण से फ्लोरिडा तक, और पश्चिम से टेक्सास और नेब्रास्का तक हैं। यह कीट उत्तरी अमेरिका का मूल निवासी है।
(रोमशंकर यादव, पत्रकार व पर्यावरण कार्यकर्ता)
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