Friday ,November 22, 2024
होमदेश-दुनियासमलैंगिकता के विरोध में बार एसोसिएशन बीकानेर, सैकड़ों वकीलों ने राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन...

समलैंगिकता के विरोध में बार एसोसिएशन बीकानेर, सैकड़ों वकीलों ने राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

 Newsbaji  |  May 07, 2023 12:05 PM  | 
Last Updated : May 07, 2023 12:05 PM
ज्ञापन सौंपते हुए पदाधिकार‍ियों ने अपनी बातें भी रखी.
ज्ञापन सौंपते हुए पदाधिकार‍ियों ने अपनी बातें भी रखी.

नेशनल डेस्क. स्थानीय बार एसोसिएशन, बीकानेर के तत्वाधान में सैकड़ों वकीलों की अगुवाई करते हुए बार अध्यक्ष बिहारी सिंह राठौड़ के नेतृत्व में समलैंगिक व्यक्तियों के विवाह के अधिकार को विधिमान्यता देने के सम्बन्ध में सर्वोच्च न्यायालय की तत्परता से विचलित होकर उसके विरोध में राष्ट्रपति के नाम से ज्ञापन जिला कलेक्टर बीकानेर को दिया गया.

इस अवसर पर बोलते हुए बार के अध्यक्ष बिहारी सिंह राठौड़ ने कहा कि समलैंगिक विवाह को विधिमान्य देने से भारतीय सामाजिक, सांस्कृतिक ढांचे पर प्रहार होना मानते हुए इसे प्राकृतिक न्याय के सिद्धान्तों के विपरीत होगा.

बीकानेर के पूर्व अध्यक्ष एंव पूर्व सभापति मुमताज अली भाटी ने कहा कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ‘‘नालसा 2014‘‘, ‘‘नवतेज जौहरी 2018‘‘ के मामलों में समलैंगिकों एंव विपरीत लिंगी के अधिकारों को पूर्व से ही संरक्षित किया हुआ है. ऐसी स्थिति में समान लैंगिंकों के विवाह को विधिमान्यता दिये जाने की मांग उनका मौलिक अधिकार न होकर वैधानिक अधिकार हो सकता है जो केवल भारत की संसद के द्वारा ही संरक्षित किया जा सकता है.

इस अवसर पर अधिवक्ता परिषद की बीकानेर ईकाई के अध्यक्ष सत्यपाल सिंह ने कहा कि विवाह एक सामाजिक कानूनी संस्था है. जिससे भारत के संविधान के अनुच्छेद 246 के अन्तर्गत सक्षम विधायिका द्वारा अपनी शक्ति का प्रयोग कर बनाया है. न्यायालय विवाह नामक संस्था न्यायिक व्याख्या से विधायिक द्वारा दिये गये विवाह संस्था के मूर्त स्वरूप को ना तो नष्ट कर सकती है, ना ही मान्यता दे सकती है और ना ही नवीन स्वरूप बना सकती है.

इसी क्रम में अधिवक्ता मधुबाला मंगे ने कहा कि समलैंगिक विवाह को विधि मान्यता देने से स्वतन्त्र भारत में भारत की संस्कृति जडों पर पश्चिम विचारों, दर्शनों एंव प्रथाओं के अधिरोपण का अपवित्र प्रयास है जो राष्ट्र की संस्कृतिक ढांचे के लिए घातक है.

ज्ञापन प्रेषित करने के लिए बार काउंसिल सदस्य कुलदीप शर्मा और बार सचिव हितेश कुमार छंगाणी के साथ-साथ बार के उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र वर्मा, साजिद मकसूद, प्रवक्ता अरविन्द सिंह शेखावत, कोषाध्यक्ष आसू पारीक, सहसचिव मनोज बिश्नोई, पूर्व अध्यक्ष विवेक शर्मा, अविनाश व्यास, रघुवीर सिंह राठौड, राजेन्द्र किराडू, चतुर्भुज सारस्वत, सोमदत्त पुरोहित, विनोद पुरोहित, प्रेरणा जैन, शान्ति शर्मा, भावना बिन्नाणी, अर्चना व्यास, उमाशकंर बिस्सा, मुकेश आचार्य, वेकेंट व्यास, गिरीराज व्यास, निर्मल व्यास, राजू कोहरी तेजकरण गहलोत, राधेश्याम सेवक आदि बडी संख्या में अधिवक्ताओं ने उपस्थित होकर समलैंगिता को मान्यता देने की तत्परता के प्रति अपना रोष व्यक्त किया.

admin

Newsbaji

Copyright © 2021 Newsbaji || Website Design by Ayodhya Webosoft