देश-दुनिया। दुनिया के सबसे बड़े पक्षी शुतुरमुर्ग (Ostrich) को तो आप जानते ही होंगे। लेकिन, ये सिर्फ दौड़ सकते हैं। इनमें आसमानी उड़ान की क्षमता नहीं होती। तो कभी सोचा है कि आखिर आसमान में उड़ने वाला सबसे बड़ा पक्षी क्या होगा। तो आज हम उसी एंडियन कंडोर (Andean condor) पक्षी के बारे में बताने जा रहे हैं जो पक्षियों की उड़ने वाली प्रजातियों में सबसे बड़ी होती है। वे पंखों को फैलाए तो लगे कि ये पूरी कार को उड़ा ले जाए। एक खासियत इसकी सबसे यूनिक है वो ये कि ये अपने अंतिम समय में पहाड़ से गिरकर आत्महत्या भी कर लेते हैं। तो बने रहिए हमारे साथ हम एंडियन कंडोर के बारे में आगे विस्तार से बताने जा रहे हैं।
आपको बता दें कि एंडियन कंडोर दक्षिणी या लैटिन अमेरिका के सात देशों वेनेजुएला, कोलंबिया, इक्वाडोर, पेरु, बोलिविया, चिली और अर्जेंटीना के आसमान में मंडराते दिख जाते हैं। दरअसल, इसी दायरे में एंडीज पर्वत श्रृंखला है, जिसके आसपास इन्हें देखा जा सकता है। स्थानीय लोग तो इन्हें आकार के चलते उड़ता जानवर तक मानते हैं। इनके पंखों का फैलाव 11 फीट तक और वजन 15 किलो तक होता है। ये कई बार अपने वजन से भी ज्यादा खा लेते हैं। ऐसे में इन्हें आराम की जरूरत होती है। जब सुस्ता लेते हैं तो फिर उ़ड़ान भरते हैं।
सफेद कॉलर यानी नर
मुर्गे—मुर्गी की पहचान उनकी कलगी से होती है, ठीक उसी तरह एंडयन कंडोर में भी नर—मादा की अलग—अलग पहचान के चिन्ह पाए जाते हैं। दरअसल, नर के गले के पास सफेद रंग का कॉलर होता है। यह मादा में नहीं पाया जाता। इनकी संख्या अर्जेंटीना और पेरु में सर्वाधिक है। हालांकि जंगल के कटाव और लगातार हो रहे शिकार के चलते अब ये भी विलुप्त होने लगे हैं।
ये हैं पसंदीदा भोजन
एंडीयन कोंडोर के आहार की बात करें तो ये समुद्र के किनारे पाई जाने वाली मरी मछलियों को चाव से खाते हैं। वहीं दूसरे मरे जीव—जंतुओं को भी ये भोजन के रूप में इस्तेमाल करते हैं। इसीलिए इन्हें गिद्ध की श्रेणी में भी रखा जाता है। हालांकि इनकी एक अलग पहचान और अस्तित्व है। बड़ा अंतर ये है कि ये गिद्ध की तरह सिद्धहस्त शिकारी नहीं होते। एक तरीके से ये भी पर्यावरण को साफ रखने में मदद करते हैं।
समारोहों में मनोरंजन लेने के लिए करते हैं इस्तेमाल
जहां तक एंडीयन कोंडोर के प्रजनन की बात करें तो मादा पांच से छह वर्ष की आयु में ये प्रजनन के लिए सक्षम हो जाती हैं। हालांकि इन पक्षियों के साथ एंडीज पहाड़ियों से लगे इलाकों में अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता। आमतौर पर समारोहों में इन्हें बैलों की पीठ पर बैठाकर दौड़ाया जाता है। तब आपस में उनकी लड़ाई होती है, जिससे लोग अपना मनोरंजन करते हैं। अब इन खेलों पर प्रतिबंध लगाने के लिए पहल की जा रही है।
इंका जनजाति के लोग मानते हैं मैसेंजर आफ गॉड
ऐसा नहीं है कि इन पक्षियों के साथ हर जगह बुरा व्यवहार ही होता हो। लैटिन अमेरिका की इंका जनजाति के लोग एंडीयन कोंडोर को मैसेंजर आफ गॉड यानी देवताओं के भेजे गए दूत के रूप में भी दर्जा देते हैं। इसलिए वे इनकी पूजा भी करते हैं। साथ ही इन्हें अमर भी मानते हैं।
इसलिए करते हैं आत्महत्या
ऐसा भी माना जाता है कि ये वृद्धावस्था यानी जीवन के अंतिम समय में आत्महत्या कर लेते हैं। स्थानीय लोग स्वीकार करते हैं कि तब वे पहाड़ की चोटियों पर पहुंचकर खुद को पत्थरों के बीच गिरा देते हैं। इससे गिरकर उनकी मौत हो जाती है। एक तरह से वे जान—बूझकर ऐसा करते हैं, जिसे आत्महत्या तो माना ही जा सकता है।
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