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भ्रष्टाचार पर इलाहाबाद हाईकोर्ट सख्त, महिला सेक्शन ऑफिसर बर्खास्त, एडिशनल जिला जज सस्पेंड

 Newsbaji  |  Nov 22, 2022 12:52 PM  | 
Last Updated : Jan 06, 2023 10:19 AM

प्रयागराज न्यूज डेस्क। न्यायपालिका में भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेहद सख्त रुख इख्तियार किया है। हाईकोर्ट की प्रशासनिक कमेटी ने पिछले 24 घंटे में दो बड़े कदम उठाए। कमेटी ने जहां हाईकोर्ट में ही तैनात महिला सेक्शन ऑफिसर को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। वहीं, प्रयागराज जिला कोर्ट के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज को सस्पेंड कर आधी रात को उनका चेंबर सील करा दिया है।

बता दे कि, इलाहाबाद हाईकोर्ट में तैनात महिला सेक्शन ऑफिसर कुसुम मिश्रा पर आरोप था कि उन्होंने चित्रकूट के एक व्यक्ति से नौकरी दिलाने के नाम पर 10 लाख रुपए की घूस ली थी। चित्रकूट के जिला कोर्ट में नौकरी दिलाने के नाम पर लिए गए रुपए न तो वापस किए गए और न ही नौकरी दिलाई गई। इस मामले की शिकायत हाईकोर्ट की प्रशासनिक कमेटी से की गई थी। प्रशासनिक कमेटी की जांच में महिला सेक्शन ऑफिसर पर लगे आरोप सही पाए गए और उन्हें दोषी करार दिया गया। प्रशासनिक कमेटी ने कुसुम मिश्रा को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है।

ADJ पर भ्रष्टाचार के आरोप
जानकारी के मुताबिक, दूसरा मामला प्रयागराज की जिला अदालत से जुड़ा हुआ है। हाईकोर्ट की प्रशासनिक कमेटी ने यहां तैनात एडिशनल जिला जज फर्स्ट के पद पर तैनात राम किशोर शुक्ला को न सिर्फ सस्पेंड कर दिया है, बल्कि आधी रात को उनका चेंबर और दफ्तर सील भी करा दिया गया है। हाईकोर्ट की प्रशासनिक कमेटी के आदेश पर जिला जज ने रात करीब एक बजे कोर्ट परिसर में पहुंचकर एडिशनल जिला जज के चैंबर व दफ्तर को सील कराया गया।

कार्रवाई से हड़कंप
बताया जा रहा है कि, 24 घंटे के भीतर हुई इन दो बड़ी कार्रवाइयों से न्यायपालिका में हलचल मच गई है। इन कार्रवाइयों के पीछे हाईकोर्ट को यह सख्त संदेश देना था कि न्यायपालिका में भ्रष्टाचार कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दरअसल, न्यायपालिका पर लोगों का भरोसा बना हुआ है और भ्रष्टाचार के आरोप लगने से यह भरोसा टूटता है। ऐसे में इस तरह की कार्रवाई बेहद जरूरी होती है। इस तरह की सख्त कार्रवाई से न्यायपालिका पर लोगों का भरोसा पहले की तरह ही कायम रहेगा।

इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकीलों का कहना है कि, न्यायालय का यह कदम स्वागत के योग्य है। एडवोकेट सुनील शर्मा के मुताबिक, ऐसे कदमों से न्यायपालिका के प्रति लोगों का सम्मान और विश्वास दोनों ही बढ़ता है। साथ उन्होंने यह भी कहा, आगे भी इस तरह के सख्त कदम उठाए जाने की बेहद जरूरत हैं।

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