डेस्क. पश्चिम बंगाल के विभिन्न राज्यों में इन दिनों एक नया वायरस एडिनो कहर बरपा रहा है, जिससे ज्यादातर 10 साल से छोटे बच्चे चपेट में आ रहे हैं. अब तक यहां सात बच्चों की मौत इस वायरस से होने की जानकारी दी गई है. जबकि कई और बच्चों की मौत इसी वायरस की चपेट में आने से होने की आशंका जताई जा रही है, लेकिन उन्हें समय पर ट्रेस नहीं किया जा सका. उनमें निमोनिया समेत अन्य बीमारियों के लक्षण भी थे. ऐसे में इस वायरस से मरने वाले बच्चों का आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा भी हो सकता है.
बता दें कि बीते बुधवार को इस वायरस से संक्रमित कोलकाता के बीसी राय अस्पताल में लगातार दूसरे दिन तीन और बच्चों की मौत हुई है. मंगलवार को भी यहां तीन तो कलकत्ता मेडिकल कालेज अस्पताल में दो बच्चों ने दम तोड़ा था. इन बच्चों को खांसी के साथ बुखार आने के बाद भर्ती कराया गया था. प्रारंभिक जांच में उनमें निमोनिया के साथ ही एडिनो वायरस की पुष्टि की गई थी.
पश्चिम बंगाल में लगातार बढ़ रहे मामलों को देखते हुए राज्य के स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है. इसी के साथ स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम बुधवार को ही बीसी राय अस्पताल पहुंचे. यहां उन्होंने बेड बढ़ाने के निर्देश दिए. अन्य अस्पतालों में भी गए और वहां पर जरूरी निर्देश दिए. बच्चों के इलाज में गंभीरता बरतने की बात भी कही.
सरकारी अस्पतालों में नहीं मिल रहा बेड
बता दें कि यहां इस वायरस से हालत इतनी खराब हो गई है कि संक्रमित बच्चों को भर्ती करने के लिए सरकारी अस्पतालों में बेड की कमी हो गई है. इसके साथ ही राजनीतिक दलों के प्रमुख भी आगे आए हैं. भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व सांसद दिलीप घोष ने भी राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि हालात से निपटने के लिए गंभीरता से कदम उठाए जाएं, वरना हालात बेकाबू भी हो सकते हैं. वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने राज्य सरकार पर इस वायरस से मौत के साथ ही पीड़ितों के आंकड़े छिपाने का आरोप लगाया है.
ये मिल रही लक्षण
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के मुताबिक कई लोगों को बुखार के साथ सिर्फ खांसी आ रही है. ये इन दोनों बीमारियों में इस्तेमाल होने वाले सिरप व एंटीबायोटिक से ठीक नहीं हो रहे हैं. ऐसे में जब अस्पताल पहुंच रहे हैं और जांच करा रहे हैं तब एडिनो वायरस या दूसरे लक्षणों की पुष्टि हो रही है.बता दें कि यह वायरस दिसंबर के अंत से राज्य में फैलना शुरू हुआ था. क्योंकि उसी समय से ये असामान्य लक्षण पाए गए थे, लेकिन पुष्टि बाद में होने से अधिकृत रूप से इसे स्पष्ट नहीं कहा जा रहा है.
इसे माना जा रहा स्रोत
एडिनो वायरस के स्रोत या इससे होने वाली बीमारी के कारणों की अब तक जो पड़ताल की गई है उसके मुताबिक मल सामग्री, दूषित पानी, गंदे डायपर और संक्रमण के संपर्क में आए हाथों के जरिए भोजन से भी ये संक्रमण फैल रहा है. इसके अलावा स्वीमिंग पूल के पानी और झीलों में भी इसके संक्रमण के फैलने की आशंका को दरकिनार नहीं किया जा रहा है.
अन्य राज्यों में कितना खतरा
अभी तक तो इस बारे में अधिकृत रूप से कुछ भी नहीं कहा गया है लेकिन, विशेषज्ञों का मानना है कि संक्रमित बच्चों को जाने-अनजाने में लेकर अन्य राज्यों में जाने से उनके संपर्क में आकर दूसरे राज्यों के बच्चों में भी संक्रमण फैलने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता. ऐसे में एहतियात बरतना जरूरी है.
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