लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भर्ती से जुड़े प्रदेश के सभी चयन बोर्ड/आयोगों से अपेक्षा की है कि वे 100 दिनों का लक्ष्य करते हुए प्रदेश के 10,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी देने की कार्यवाही करें। साथ ही भर्ती प्रक्रिया को शुचितापूर्ण, पारदर्शी, निष्पक्ष व भ्रष्टाचारमुक्त बनाने के लिए परीक्षा एजेंसी के चयन व परीक्षा केंद्रों के चयन में विशेष सावधानी बरती जाए।
परीक्षा केन्द्रों पर विशेष रहे फोकस
परीक्षा केन्द्रों के निर्धारण में सरकारी विद्यालयों में ही परीक्षा के केन्द्रों को बनाया जाए। जिला प्रशासन यह सुनिश्चित करे कि कोई भी दागदार छवि वाला विद्यालय परीक्षा केंद्र बिल्कुल न बनें। राज्य सरकार का दावा है कि उसने बीते पांच वर्षों में प्रदेश के युवाओं को 4.5 लाख सरकारी नौकरियों से जोड़ने का काम किया है।
भर्ती प्रक्रियाओं में आरक्षण के नियमों का हो पालन
मुख्यमंत्री ने अब अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही युवाओं को सरकारी नौकरी देने के लिए सभी चयन बोर्ड/आयोगों को 100 दिन, छह और वार्षिक लक्ष्यों को तय करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि एक सत्र से जुड़ी सभी भर्ती परीक्षाएं उसी सत्र में पूरी होनी चाहिए। विभागों को इसके लिए समय निर्धारित करने के भी निर्देश दिए गए है। उन्होंने कहा कि भर्ती प्रक्रियाओं में आरक्षण के नियमों का पूरी तरह से पालन होना चाहिए। भर्तियों के विज्ञापनों में आरक्षण के नियमों का स्पष्ट उल्लेख हो।
पालीवाल समिति की सिफारिश के तहत हो भर्ती
सभी भर्ती प्रक्रियाओं को पालीवाल समिति की सिफारिशों के अनुरूप क्रियान्वित करने के भी निर्देश जारी किए है। मुख्यमंत्री ने कहा कि, परीक्षा केंद्र निर्धारण में अभ्यर्थियों की सहूलियतों का ध्यान रखा जाए। अभ्यर्थियों का सत्यापन तय समय में पूरा किया जाए। उन्होंने भर्ती संस्थाओं से कहा कि वे भर्ती परीक्षाओं को शासन, संबंधित विभाग व जिला प्रशासन के साथ संवाद और समन्वय बनाते हुए पूरी करें। भर्ती प्रक्रिया की अवधि को कम करने के सार्थक प्रयास भी किए जाएं।
दरअसल, पालीवाल समिति के अनुसार, अभ्यर्थियों को प्रतियोगी परीक्षा देने के लिये अपने शहर से दूसरे शहर नहीं जाना पड़ेगा। शासन के निर्देश पर सूबे में प्रतियोगी परीक्षा केंद्रों के व्यवस्थापन के लिए 'पालीवाल समिति को मंजूरी मिली है। साथ ही समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बनाए जाने वाले केंद्र उस शहर के बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन और नामचीन चौराहों के पांच किमी. की परिधि में होंगे। परीक्षार्थियों को केंद्र खोजने में दिक्कत न हो और वहां तक उन्हें आसानी से साधन उपलब्ध हो सकें।
परीक्षाओं में तकनीकी का उपयोग,इंटरव्यू में अनुभवियों को करें शामिल
मुख्यमंत्री ने भर्ती प्रक्रियाओं में तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग किया करने की हिदायत दी। साक्षात्कार पैनल में सदस्यों के अतिरिक्त अनुभव प्राप्त व्यक्तियों को भी शामिल किया करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि मृतक आश्रितों की भर्ती प्रक्रिया को बेहतर व संवेदनापूर्ण तरीके से निर्धारित समय में पूरा किया जाए। बैठक के दौरान उप्र लोक सेवा आयोग, उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, उ.प्र उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड और उप्र पुलिस सेवा भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष मौजूद रहे।
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