दुर्ग-राजनांदगांव. छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में रविवार सुबह जमकर हंगामा हो गया। उपद्रवियों ने एक ढाबे पर हमला कर दिया। जमकर ईंट-पत्थर फेंके गए। वहां रखी कुर्सियां और अन्य सामान को तोड़ डाला है। उपद्रवियों ने ढाबा संचालक और उसके भाई पर धारदार हथियार से वार कर घायल कर दिया है। दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मुंबई-कोलकाता नेशनल हाईवे पर 'हमारा ढाबा' के नाम से ढाबा संजय यादव संचालित करते है। सुबह करीब 6.00 बजे 15 से 20 युवक ढाबे पर चाय पीने के लिए पहुंचे। चाय पीने के बाद जब बिल दिया गया तो युवक भड़क गए। ढाबा संचालक से ज्यादा रुपए लेने की बात कहते हुए विवाद कर दिया। जिसके बाद कुछ देर बाद बिल का पेमेंट करके सभी वहां से चले गए।
जानकारी के अनुसार, करीब डेढ़-दो घंटे बाद 150 से 200 लोगों की भीड़ पहुंची और ढाबे पर हमला बोल दिया। इससे पहले कि ढाबा संचालक दीपक और उसका भाई गौरव कुछ समझ पाते भीड़ ने तोड़फोड़ शुरू कर दी। इतने सारे लोगों को एक साथ देख ढाबे में काम कर रहे कर्मचारियों के होश उड़ गए। वह जान बचाकर वहां से भाग खड़े हुए। इस दौरान लोगों ने संचालक दीपक और उसके भाई को पकड़ लिया। दोनों को जमकर पीटा और धारदार हथियार से वार कर घायल कर दिया।
बताया जा रहा है कि ढाबा संचालक दीपक यादव दुर्ग का रहने वाला है और वहीं पर तीन-चार ढाबे संचालित होते हैं। उपद्रवी करीब एक घंटे तक ढाबे में तोड़फोड़ और हंगामा करते रहे। लेकिन पुलिस को पता ही नहीं चल सका। आसपास के लोगों ने सूचना दी, इसके बाद पुलिस बल मौके पर पहुंचा। तब तक उपद्रवी भाग चुके थे। वहां लगे CCTV से भी उपद्रवियों की पहचान नहीं की गई है। बहरहाल अब पूरे मामले की छानबीन की जा रही है। आप सहज ही अंदाजा लगा सकते है कि जब नेशनल हाई वे पर इस तरह की वारदात हो जा रही है तो अंदुरुनी इलाकों में क्या हालात होंगे।
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