लखनऊ। उत्तर प्रदेश की चंदौली पुलिस ने नकली नोट छापने वाले गिरोह के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उनके पास से 11लाख 82 हजार 630 रुपए के नकली करेंसी, प्रिंटर समेत नोट छापने में इस्तेमाल होने वाले अन्य उपकरणों को बरामद किया हैं। पकड़े गए सभी आरोपी बिहार के रहने वाले हैं।
जानकारी के अनुसार, गिरोह के लोग काफी दिनों से नकली नोट छापने का काम कर रहे थे। पुलिस ने आरोपियों को शुक्रवार को माधोपुर-धीना मार्ग से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बताया कि आरोपी 10, 20, 50, 100, 200 और 2000 रुपए के नोट छापते थे। तीनों आरोपी यूपी, बिहार से लेकर पश्चिम बंगाल तक नकली नोटों की सप्लाई करने का काम करते थे।
चंदौली एडिशनल एसपी चिरंजीवी मुखर्जी ने बताया कि सूचना मिली थी कि नकली करेंसी छापने वाले गिरोह के सदस्य चहनियां से माधोपुर के रास्ते धीना भागने की फिराक में हैं। इस पर पुलिस व क्राइम ब्रांच की टीम सक्रिय हो गई। टीम ने मार्ग पर घेराबंदी कर तीनों आरोपियों को धर दबोचा। उनके पास से 11 लाख 82 हजार से अधिक जाली करेंसी बरामद की गई है।
पुलिस ने बताया कि आरोपियों के पास से नकली नोट छापने में इस्तेमाल होने वाला कागज, प्रिंटर और अन्य उपकरण समेत दो मोटर साइकिल भी बरामद की गई है। अभियुक्तों की पहचान रोहतास के बघौला थाना के भुलवाही गांव निवासी गोपाल कुमार पांडेय, गोकुल कुमार पांडेय और भभुआ के दुर्गावती थाना के मसौढ़ा गांव निवासी सोनू यादव के रूप में हुई है।
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि सभी मिलकर एक संगठित गिरोह चलाते हैं। नकली नोट की छपाई कर बिहार और इससे सटे यूपी के जिलों में खपाते हैं। इससे अच्छी कमाई हो जाती है। गोपाल ने बताया कि जेल में रहते हुए ही उसने नकली नोट की छपाई की योजना बनाई थी।
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