भिलाई. छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी और ठगी में संलिप्त तीन आरोपियों को मुंबई से गिरफ्तार किया है. इनमें एक महिला भी शामिल है. इन तीनों ने मिलकर भिलाई के एक युवक को लाओस में नौकरी दिलाने का झांसा देकर उससे दो लाख रुपये ठगे थे. बाद में पीड़ित युवक को लाओस ले जाकर साइबर धोखाधड़ी का काम करने पर मजबूर किया गया. युवक ने किसी तरह वहां से भागकर वापस भारत लौटकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद इस मामले का खुलासा हुआ.
बता दें कि भिलाई निवासी पीड़ित ने सायबर थाना दुर्ग में शिकायत दर्ज कराई कि उसे लाओस में एक कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी का झांसा देकर ठगा गया. पीड़ित ने बताया कि आरोपी साजन शेख और रफीक खान ने उसे 11 अगस्त को 50,000 रुपये और 12 अगस्त को 1,50,000 रुपये का भुगतान अपने बैंक खातों में करवाया. इसके बाद आरोपी ने पीड़ित के लिए एयर टिकट की व्यवस्था कर लाओस भेजा, जहां पहुंचने के बाद उसे एक साइबर फ्रॉड कंपनी में काम करने के लिए कहा गया.
भागकर आया वापस
लाओस में युवक को "गोल्डन लिंक सर्विस ट्रेड कंपनी" नामक एक विदेशी कंपनी में ले जाया गया. वहां पर, उसे साइबर धोखाधड़ी करने के लिए प्रशिक्षित किया गया और यह बताया गया कि उसकी नौकरी का असली काम फ्रॉड करना है. जब युवक ने इस तरह का काम करने से इनकार किया, तो उसे धमकी देकर चार-पांच दिन तक वहीं रखा गया. युवक किसी तरह से लाओस से भागकर भिलाई लौट आया और उसने अपनी आपबीती पुलिस को सुनाई.
मुंबई से पकड़े गए आरोपी
दुर्ग पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया और साइबर थाना में एफआईआर दर्ज की. इसके बाद, डीएसपी शिल्पा साहू के नेतृत्व में पुलिस की एक टीम ने आरोपियों की खोजबीन शुरू की. बैंक ट्रांजेक्शन और मोबाइल लोकेशन की जांच के आधार पर टीम ने पाया कि तीनों आरोपी मुंबई के गोरेगांव इलाके में छुपे हुए हैं. पुलिस की एक विशेष टीम को मुंबई भेजा गया, जिन्होंने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर छापेमारी की. सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल लोकेशन के आधार पर, टीम ने गोरेगांव में साजन शेख और रफीक खान को गिरफ्तार किया और महिला आरोपी को भी उसके घर से पकड़ा.
बिना लाइसेंस विदेश में नौकरी दिलाने वाली कंपनी का कर रहे थे संचालन
जांच में यह भी पता चला कि साजन शेख और उसकी सहयोगी महिला एक अवैध कंपनी "VS ENTERPRISES MANPOWER CONSULTANCY PVT. LTD." का संचालन करते हैं. इस कंपनी का लाइसेंस नहीं है, और यह कंपनी विदेशी देशों में नौकरी का झांसा देकर लोगों को ठगने का काम करती है. इस कंपनी के माध्यम से दुबई, सऊदी अरब, ओमान, कुवैत जैसे गल्फ देशों में लोगों को रोजगार दिलाने और वीजा सेवाएं देने के नाम पर पैसे ऐंठे जाते हैं.
कई और भारतीय हैं बंधक
पुलिस को यह भी जानकारी मिली कि लाओस में लगभग 8 से 10 भारतीय युवक और भी हैं, जिन्हें इसी तरह से धोखा देकर वहां ले जाया गया है और साइबर धोखाधड़ी में शामिल होने के लिए मजबूर किया जा रहा है. दुर्ग पुलिस अब इन लोगों को वापस लाने के लिए इंटरपोल के माध्यम से कार्रवाई करने की योजना बना रही है.
गिरफ्तार किए गए आरोपी
पूछताछ जारी
इन आरोपियों के पास से तीन मोबाइल फोन और विदेश भेजने से संबंधित दस्तावेज बरामद किए गए हैं. पुलिस अब आरोपियों से आगे की पूछताछ कर रही है और उनकी संलिप्तता का दायरा पता करने का प्रयास कर रही है. साथ ही, विदेश में फंसे अन्य भारतीय युवाओं को वापस लाने के प्रयास किए जा रहे हैं.
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