रायपुर. छत्तीसगढ़ पुलिस ने उस गिरोह के शूटर्स व बाइक राइडर्स समेत 4 कुख्यात अपराधियों को अरेस्ट किया है, जिसके शूटर्स ने पूर्व में बिस्नोई गैंग के इशारे पर सलमान खान के घर फायरिंग की थी. बहरहाल ये छत्तीसगढ़ में किसे टारगेट बनाकर आए थे, इससे पर्दा नहीं उठा है, क्योंकि इन्हें सिर्फ टारगेट बताया जाता है, कोई परिचय नहीं. बहरहाल पुलिस इसे जानने की कोशिश में लगी हुई है.
आपको बता दें कि ये गैंग वैसे तो झारखंड का है, लेकिन इसका सरगना मयंक सिंह मलेशिया में छिपकर पूरे गैंग को चलाता है. इस गैंग का नाम अमन साहू गैंग है और देशभर में कई वारदात को अंजाम दे चुका है. रायपुर आईजी अमरेश मिश्रा व एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने इंटेलिजेंस से मिली जानकारी के आधार पर इस पूरे मिशन को अंजाम तक पहुंचाया है.
राजस्थान से बाइक राइडर्स तो इंदौर से पहुंचा शूटर
मयंक सिंह ने राजस्थान के जिला पाली के ग्राम सारन में बैठे पप्पू सिंह को वारदात को अंजाम देने के लिए एक बाइक राइडर की व्यवस्था करने को कहा था. पप्पू सिंह ने सारन निवासी मुकेश कुमार भाट और देवेन्द्र सिंह को वारदात के वक्त बाइक राइडिंग के लिए रायपुर भेजा. वहीं रोहित स्वर्णकार इंदौर के सेंधवा से पिस्टल लेकर उज्जैन में महाकाल के दर्शन कर ट्रेन से रायपुर पहुंचा. जबकि मुकेश और देवेंद्र बस से रायपुर आए थे.
ऐसे चला ऑपरेशन
प्लानिंग के मुताबिक रायपुर पुलिस के जवान इन्हें चिन्हित करने सादे ड्रेस में शहर की संभावित जगहों पर तैनात किए गए. साथ ही पेट्रोलिंग की अलग पार्टियां भी तैनात की गईं. 72 घंटे के इस बेहद गोपनीय ऑपरेशन में एक आरोपी रोहित स्वर्णकार को गंज थाना क्षेत्र में पहचान कर उसकी गतिविधियों पर नजर रखी गई. फिर उसे दबोच लिया गया. उसके कब्जे से एक पिस्टल व एक मैग्जीन बरामद किया गया है. साथ ही भाठगांव चौक में 2 संदिग्ध व्यक्तियों को पकड़ा गया. इन दोनों ने वारदात के वक्त बाइक राइडिंग के लिए आने की जानकारी दी.
दिल्ली से राजस्थान गई रायपुर पुलिस
तीनों के पकड़े जाने व राजस्थान से पप्पू सिंह द्वारा बाइक राइडिंग के लिए उन्हें भेजे जाने का पता चला तो उसे भी अरेस्ट करने की योजना बनाई गई. दिल्ली में पहले से मौजूद रायपुर पुलिस की एक टीम को इसके लिए भेजा गया. उसे भी उसके गांव सारन से अरेस्ट कर लिया गया.
नेट कॉलिंग से बात, जय माता दी जैसे कोड वर्ड
पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में गैंग के कई सीक्रेट्स भी सामने आए हैं. मसलन, गैंग के मोड्स में शूटर और राईडर को एक-दूसरे से अपनी पहचान छिपाने व किसी तकनीकी संपर्क में न रहने की हिदायत थी. वे एप के माध्यम से नेट कॉलिंग से ही संपर्क में रहते थे. वहीं पकड़े जाने पर या विपरीत स्थिति के लिए अलग-अलग कोड वर्ड तय किए गए थे. मयंक ने रोहित को 29-29 कोड यूज करने और पप्पू ने मुकेश को राम-राम व जय माता दी कोड यूज करने को कहा था.
ये हैं गिरफ्तार आरोपी
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