अलीगढ़। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में ग्रामीण इलाकों से 5 लाख के हेराफेरी की बात सामने आई है। प्रधान और सचिव ने मिलीभगत करके शासनादेश के खिलाफ जाकर लोकल कंपनी को ठेका दे दिया और गांव में स्ट्रीट लाइटें लगवा दी। इतना ही नहीं बल्कि कंपनी को भुगतान भी कर दिया।
ब्रांडेड कंपनी की लाइट लगाने का प्रावधान
जिले की आदर्श ग्राम पंचायतों की योजना तहत प्रधान और सचिव को स्ट्रीट लाइटें लगवाने की जिम्मेदारी मिली है। सरकार ने अपने शासनादेश में 13 ब्रांडेड कंपनियां चिन्हित की हैं। गांवों में स्ट्रीट लाइटें लगवाने के लिए इन्हीं 13 में से किसी एक कंपनी की लाइटें खरीदकर लगानी होती हैं। अकराबाद 5 गांवों में जब ऑडिट हुआ तो यहां गड़बड़ी मिली। इन 13 के बजाय अन्य कंपनियों की लाइटें लगी मिली है, जिसके बाद शासन के कान खड़े हो गए है।
बता दे कि, अकराबाद ब्लाक के गांव खंडवार, गोपी, भटौली, बधियार और नगला सरताज में स्टार लाइन कंपनी का एलईडी लाइट लगवा दिया गया है। इनमें से गोपी गांव में लगभग तीन लाख तो खंडवार से के लगभग दो लाख रुपए का भुगतान भी किया जा चुका है। बाकी गांव में प्रक्रिया चल रही थी, लेकिन इस गड़बड़ी की पोल खुलने के बाद कम को रोक दिया गया है।
DM ने दिए रिकवरी के आदेश
एलईडी लाइटों में जब गड़बड़ी की आशंका हुई तो उच्च अधिकारियों ने जिला प्रशासन के निर्देश पर एडीओ पंचायत और जेई विद्युत की टीम से सत्यापन कराया था। सत्यापन में अकराबाद के पांच गांवों में गड़बड़ी पाई गई है। जिसके बाद यह रिपोर्ट जिलाधिकारी को भी भेजी गई है।
रिपोर्ट मिलने के बाद डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने तत्काल आरोपी ग्राम प्रधान और सचिव से राशि की वसूली के निर्देश जारी कर दिए हैं। वहीं, अन्य ग्राम पंचायतों में होने वाले भुगतान पर रोक लगा दी गई है। आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई भी शुरू की जा रही है। सीडीओ अंकित खंडेलवाल ने जानकारी दी है कि दो गांवों में प्रधान और सचिव से राशि वसूली जाएगी। इसके साथ ही अन्य गांवों की भी जांच कराई जा रही है। जहां गड़बड़ी मिली, वहां सख्त कार्रवाई की जाएगी और इस तरह की गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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