अंबिकापुर. छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में हुए रिशु हत्याकांड के मामले में होटल व्यवसायी पिता को पुलिस ने रिशु की अस्थियां सौंपी है. वहीं परिजनों का कहना है कि बिना आरोपियों के घरों में बुलडोजर चले, वे अंतिम संस्कार नहीं करेंगे. वहीं पुलिस ने प्रतापपुर स्थित आरोपियों के घर के आसपास विरोध प्रदर्शन की आशंका देखते हुए बेरीकेडिंग कर दी है.
बता दें कि रिशु कश्यप का 29 जनवरी की शाम अपहरण कर लिया गया था. उसी दिन करसी के जंगल में ले जाकर उसकी हत्या कर शव को जला दिया गया था. इसके बाद रिशु के पिता को फोन कर 6 लाख रुपये की फिरौती मांगी गई थी. मामले में मृतक के पड़ोस में रहने वाले 26 वर्षीय शुभम सोनी और 28 वर्षीय विशाल ताम्रकार को अपहरण, हत्या और सबूत मिटाने समेत कई अन्य गंभीर धाराओं के तहत कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया है.
पुलिस ने की बेरीकेडिंग
वहीं पुलिस ने आरोपियों के बताए अनुसार करसी के जंगल से रिशु की लाश के अवशेष बरामद किए थे. घटना के बाद आक्रोशित लोग आरोपियों के घरों को तोड़ने की मांग कर रहे हैं. सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए आरोपितों के घर के पास पुलिस का पहरा लगा दिया गया है.
थमाया नोटिस
इधर, घटना के बाद नगर पंचायत ने आरोपितों के घरों का कब्जा हटाने का प्रस्ताव पारित किया था. प्रतापपुर तहसीलदार ने भी बीते दिनों आरोपियों समेत अन्य कब्जाधारियों को नोटिस जारी किया है.
होगा डीएनए टेस्ट
आपको बता दें कि रिशु के अपहरण व हत्या के आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत जुटाने के उद्देश्य से पुलिस ने रिशु की पहचान को वैज्ञानिक तकनीक से प्रमाणित करने डीएनए टेस्ट कराने का निर्णय लिया है. इसी वजह से रिशु के माता-पिता का ब्लड सैंपल लिया है. दरअसल, रिशु के शव को आरोपियों ने पेट्रोल डालकर जलाया है. इसके चलते कुछ अस्थियां ही पुलिस को मिली है.
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