लखनऊ। भारत में पुलिस सुधारों को लेकर लंबे समय से विचार किया जा रहा है। वहीं इस बीच एक आंकड़ा जारी हुआ है जो पुलिसिया बर्बरता की पोल खोल रहा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लोकसभा में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के आंकड़े पेश किए है। जिसमें बताया गया है कि एक साल में पुलिस हिरासत में कितने लोगों की मौत हुई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, देशभर में हर दिन पुलिस हिरासत में 6 लोगों की मौते हो रही है।
NHRC की रिपोर्ट के मुताबिक, 2021-22 फरवरी तक के बीच 2152 लोगों की न्यायिक हिरासत में मौत हुई जबकि 155 लोगों की पुलिस हिरासत में मौत हुई। न्यायिक हिरासत में मौत के मामले में यूपी सबसे आगे है, जहां न्यायिक हिरासत में 448 लोगों की मौत हो चुकी है।
पुलिस हिरासत में मौत के मामले में महाराष्ट्र नंबर वन
वहीं, पुलिस हिरासत में सबसे ज्यादा 129 लोगों की मौत महाराष्ट्र में हुई है। नेशनल कैंपेन अगेंस्ट टॉर्चर की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2019 के आंकड़ों से तुलना करें तो 2019 में हर दिन हिरासत में 5 लोगों की मौत हुई थी। गृह मंत्रालय की ओर से जारी NHRC के आंकड़ों के मुताबिक साल 2020-21 में न्यायिक हिरासत में 1840 लोगों की मौत हुई। पिछले चार साल के आंकड़ो पर गौर करे तो….
इन सभी लोगों की न्यायिक हिरासत में मौत हुई। वहीं अगर पुलिस हिरासत में मौत की बात करें तो 2020-21 में पुलिस हिरासत में 100 लोगों की मौत हुई।
2019-20 में पुलिस हिरासत में 112, 2018-19 में 136, 2017-18 में 146 और 2016-17 में 145 लोगों की मौत हुई। 2016 से 2022 के बीच कुल 11,419 लोगों की हिरासत में मौत हुई है। इन हिरासत में हुई मौतों में से केवल 1,184 मामलों में मुआवजे की सिफारिश की गई है और केवल 21 मामलों में अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। 2016 और 2022 के बीच, यूपी में न्यायिक हिरासत में सबसे ज्यादा 2,528 मौतें हुई हैं।
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