महासमुंद. छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में समिति प्रबंधक और कंप्यूटर ऑपरेटर द्वारा 19 किसानों का धान दूसरों के खाते में ट्रांसफर कर 32 लाख रुपये हड़पने का मामला सामने आया है. एक ओर जहां मामला उजागर होने पर किसानों ने इसकी शिकायत प्रशासनिक अफसरों व पुलिस से की है तो वहीं जुर्म दर्ज होते ही प्रबंधक और कंप्यूटर ऑपरेटर फरार हो गए हैं.
मामला जिले के पिथौरा ब्लॉक के जाडामुडा धान खरीदी केंद्र का है. यहां उपार्जन केंद्र प्रभारी उमेश भोई, कंप्यूटर ऑपरेटर मनीष प्रधान और मनोज प्रधान ने मिलीभगत कर 19 किसानों का धान दूसरे किसानों के खाता में बेच दिया और राशि निकाल ली. मामला सामने आने के बाद केंद्र प्रभारी समेत ऑपरेटर फरार हो गए हैं. जबकि किसानों की शिकायत पर बसना थाने में पुलिस धान खरीदी केंद्र प्रभारी और दोनों कंप्यूटर ऑपरेटर के खिलाफ धोखाधड़ी का अपराध दर्ज कर उनकी तलाश में जुट गई है.
ऐसे की गड़बड़ी
धान को खरीदी केंद्र प्रभारी और कंप्यूटर ऑपरेटर ने फर्जी किसानों के खाते से बेचा गया. इस तरह कुल 19 किसानों के धान में हेराफेरी की गई है. धान के 32 लाख 90 हजार रुपये को इन्होंने मिलकर निकाल लिया. जब किसानों को पैसा नहीं मिला तो उन्हें गड़बड़ी की आशंका हुई. उन्होंने संग्रहण केंद्र में जमकर हंगामा किया. इस पर अधिकारी मौके पर पहुंचे. उन्होंने जांच की तो गड़बड़ी का पता चला.
पहले भी कर चुका है 2 करोड़ का फर्जीवाड़ा
बता दें कि इससे पहले भी इस धान खरीदी केंद्र में फर्जीवाड़े का मामला सामने आ चुका है. तब फर्जी तरीके से रकबा बढ़ाकर धान की खरीदी की गई थी और करीब 2 करोड़ का फर्जीवाड़ा किया गया था. शिकायत के बाद समिति प्रबंधक उमेश भोई और एक किसान राम प्रसाद के खिलाफ जुर्म दर्ज किया गया था.
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