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ईडी का दावा- महादेव सट्टा एप से जुड़ा ASI पुलिस अफसरों और नेताओं को पहुंचा रहा था पैसा, समझाया सट्टे का गणित

 Newsbaji  |  Aug 24, 2023 12:37 PM  | 
Last Updated : Aug 24, 2023 12:37 PM
महादेव सट्टा एप से जुड़े आरोपियों को ईडी ने गिरफ्तार कर कई खुलासे किए हैं.
महादेव सट्टा एप से जुड़े आरोपियों को ईडी ने गिरफ्तार कर कई खुलासे किए हैं.

रायपुर. महादेव ऑनलाइन सट्टा एप के मामले में ईडी ने पुलिस विभाग के एएसआई समेत इस अवैध कारोबार से जुड़े कुल 4 लोगों को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया है. वहीं अब विज्ञप्ति जारी कर इसका खुलासा किया है. इसमें दावा किया गया है कि एएसआई चंद्रभूषण वर्मा लाइजनर का काम कर रहा था. वह पुलिस अफसरों व नेताओं तक पैसे पहुंचाता था.

किन्हें दी रिश्वत, खुद बताया
दावा ये भी किया गया है कि खुद एएसआई ने कबूल किया है कि अपने विभाग के व दूसरे अफसरों और नेताओं को हर महीने रिश्वत के तौर पर रकम पहुंचाता था. वहीं पुलिस की कुछ कार्रवाई के बाद इसकी रकम भी बढ़ाई गई थी. कोशिश ये भी की गई कि कार्रवाई को स्थानीय सट्टेबाजों तक ही सीमित की जाए. इसमें मुख्यमंत्री कार्यालय तक के अफसरों को पैसे पहुंचाने का दावा किया गया है.

सट्टे के कई एप एक जगह
इसके साथ ही ईडी अफसरों ने महादेव ऑनलाइन सट्टा एप को लेकर भी खुलासे किए हैं. इसमें बताया गया है कि यह कई तरह के ऑनलाइन सट्टे का प्लेटफार्म है. इसकी मदद से पोकर, कार्ड गेम, चांस गेम, क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल सट्टेबाजी से लेकर चुनाव और दूसरी चीजों में भी दांव लगाने की फैसल‍िटीज दी गई है. वर्चुअल क्रिकेट गेम समेत कई चीजें इसमें है.

पहले यूजर्स का फायदा, फिर कमाई ही कमाई
बताया गया है कि दुबई में रहकर एप का संचालन करने वाला भिलाई का सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल इसके मेन प्रमोटर्स हैं. ये ऑनलाइन बुक इस तरह की कई वेबसाइट्स को मेंटेन करती है. चैट एप्स पर कई क्लोज ग्रुप चलाती है. लोगों को मुनाफा कमाने  खेलने का लालच देते हैं.  दांव लगाने के लिए बेटर्स की जरूरत होती थी और इसलिए अलग-अलग जगहों पर पैनल बनाए गए थे. यूजर्स के लिए पैनल चलाने वाले पैसों के लेन-देन का काम करते थे. इसमें कुल मिलाकर पैनल मालिकों को पैसों का नुकसान नहीं होता था। लेकिन यूजर्स को शुरुआती फायदे के बाद उनके पैसे खोने की आशंका रहती है.

फ्रेंचाइजी बेचकर कमाई
पैनल या शाखा बनाकर एक छोटी फ्रेंचाइजी की तरह बेचा जा रहा था. वहां होने वाली कमाई का 80 प्रतिशत तक हिस्सा एप के मालिकों को मिलता है. एक पैनल में एक मालिक व कर्मचारी होता है. ये भी बताया गया है कि कई पैनल एक ही व्यक्ति द्वारा भी चलाया जा रहा है, जिससे ज्यादा से ज्यादा फायदा हो.

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