रायपुर. छत्तीसगढ़ के रायपुर में डीडी नगर क्षेत्र स्थित इंटीरियर पैराडाइज वालपेपर शॉप के मालिक के अपहरण के मामले में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. बता दें कि किडनैपिंग का मास्टरमाइंड उनका ही पुराना किराएदार है. बिना फिरौती का पैसा लिए कवर्धा में छोड़कर भागने की एक बड़ी वजह भी सामने आई है. दरअसल, पूरे मामले की जांच-पड़ताल और पतासाजी के दौरान मुख्य आरोपी परिजनों और पुलिस के साथ ही मौजूद रहा. पकड़े जाने के डर से उसी ने अपने साथियों को छोड़कर भागने के लिए कहा. लेकिन, पुलिस ने सभी की पतासाजी कर उन्हें पकड़ लिया.
बता दें कि 2 जून की रात ये वारदात तब हुई थी जब दुकान में काम करने वाला उपेंद्र साव दुकान बंद कर रहा था. जबकि दुकान मालिक सिद्धार्थ आशटकर घर चला गया था. इसी दौरान दो ग्राहक दुकान में वालपेपर देखने आए और दुकान मालिक सिद्धार्थ आशटकर को पूछे. तब उपेंद्र ने उसके घर चले जाने की जानकारी दी. उनके कहने पर सिद्धार्थ को वापस दुकान बुलाया. सिद्धार्थ ने आकर उनहें वालपेपर दिखाया, जिन्हें पसंद कर ग्राहक चले गए. फिर जब वे दोनों फिर से दुकान बंद कर रहे थे तभी स्लेटी कलर की कार में वापस आए और जबरदस्ती खींचकर सिद्धार्थ को कार में बैठाकर भाग निकले. इसके बाद उपेंद्र सिद्धार्थ के घरवालों और पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर आरोपियों की पतासाजी शुरू की.
कवर्धा में छोड़कर भागे थे आरोपी
एएसपी सिटी अभिषेक माहेश्वरी ने रायपुर पुलिस की अलग-अलग टीमों को रायपुर जिले के कई जगहों पर नाकेबंदी कर तैनात कराया. इधर एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट और डीडी नगर पुलिस की टीम सिद्धार्थ के परिजनों और उपेंद्र से पूछताछ कर जानकारी जुटा रही थी. आरोपियों के हुलिए और गाड़ी आदि के बारे में जानकारी ली. फिर उसी आधार पर नाकेबंदी में तैनात जवानों को निर्देश देते रहे. आसपास के जिलों में भी जानकारी दे दी गई थी. तब दबाव में आकर अपहरणकर्ता सिद्धार्थ को कवर्धा जिले के दशरंगपुर में छोड़कर भाग निकले थे. 3 जून की सुबह करीब 9 बजे पुलिस को इसकी जानकारी हुई.
ऐसे पकड़ में आए आरोपी
सीसीटीवी फुटेज, सिद्धार्थ से आरोपियों के हुलिए, बीच के रास्ते आदि के बारे में पूछताछ की और सीसीटीवी फुटेज भी खंगाला. सभी के विश्लेषण से अंतत: शक की सुई अंकित मिश्रा पर आकर टिक गई. वह करीब 5 साल पहले सिद्धार्थ के मकान में किराए से रहता था. अभी वह दुर्ग के अमलेश्वर में रह रहा है. उसे पकड़कर सख्ती से पूछताछ की गई तब उसने अपने 4 साथियों के साथ मिलकर सिद्धार्थ का अपहरण करना स्वीकार किया. वह मूलतः ग्वालियर जिले का रहने वाला है.
वारदात को ऐसे दिया अंजाम
आरोपी अंकित अपने साथी ग्वालियर निवासी राज तोमर जो कमल विहार में किराए के मकान में रहता था, के पास आता-जाता था. अंकित सिद्धार्थ आशटकर के पिता द्वारा हाल ही में निर्मित कराए करोड़ो रुपये के मकान को देखकर सोचता था कि उनके पास बहुत पैसा है. तभी दोनों ने मिलकर योजना बनाई और एमपी के ही 3 और साथियों को बुला लिया और फिर वारदात को अंजाम दिया.
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