बिलासपुर. ड्रग्स सप्लाई के अवैध कारोबार में बिलासपुर की सास-बहू की एंट्री का रोचक मामला सामने आया है. दरअसल, घर का चूल्हा-चौका मिलकर संभालने के बजाय ये दोनों पूरा एक गैंग चला रही थीं. खास ये कि इन्होंने अपने गैंग में ज्यादातर किशोरों को रखा था. इसके पीछे कारण भी दिलचस्प है. आखिरकार ये पकड़ ली गई हैं और सारा राज भी खुल गया है.
आपको बता दें कि सिविल लाइन पुलिस को शनिवार की शाम सूचना मिली कि एक ऑटो में नशे का सामान ले जाया जा रहा है. घेराबंदी कर पुलिस ने दो महिलाओं और एक किशोर को पकड़ लिया गया. उन्हें थाने लाया गया और सख्ती से पूछताछ की गई तब उन्होंने पूरी बात बताई. दरअसल, जो अधेड़ उम्र की महिला थी उसका नाम लक्ष्मी गहरवार है और जो छोटी थी उसका नाम आकांक्षा. वह लक्ष्मी की सगी बहू है और ये दोनों ही मिलकर शहर में ड्रग्स का गैंग चला रही थीं.
लक्ष्मी ने पुलिस को बताया कि पहले उसका बेटा बंटी गहरवार नशीली दवाओं का सप्लायर था. पिछले दिनों पुलिस ने उसे इस मामले में पकड़ लिया और उसे कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया. उसके जेल जाने के बाद उसकी मां लक्ष्मी ने ये कारोबार संभाल लिया और अपनी बहू की मदद से नशीली दवाएं लेकर उनकी बिक्री करने लगी. अपने कारोबार को बढ़ाते हुए उसने कई और लोगों को गैंग में शामिल किया. इसमें ज्यादातर नाबालिग होते थे.
इसलिए रखा नाबालिगों को
आरोपी लक्ष्मी ने पुलिस को बताया कि ड्रग्स की सप्लाई में पकड़े जाने का खतरा बना रहता है. लेकिन, पुलिस को नाबालिगों पर ज्यादा ध्यान नहीं जाता और वे पकड़ में नहीं आ पाते. ऐसे में उसने नाबालिगों को ही अपने गैंग में रखने को तवज्जो दिया. अभी जब सास-बहू पकड़ी गई हैं उनके साथ एक किशाेर भी पकड़ा गया है. उसे भी इसी उद्देश्य से उसने अपने गैंग में रखा था.
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