Friday ,October 18, 2024
होमजुर्मUP विधानसभा का पास लगी गाड़ी से हो रही थी मार्फीन तस्करी, तीन तस्कर गिरफ्तार...

UP विधानसभा का पास लगी गाड़ी से हो रही थी मार्फीन तस्करी, तीन तस्कर गिरफ्तार

 Newsbaji  |  May 10, 2022 01:35 PM  | 
Last Updated : Jan 06, 2023 04:14 PM

बाराबंकी। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी पुलिस के साथ लखनऊ STF की टीम ने यूपी विधानसभा का पास लगी एक कार को दबोचा। टीम ने कार से बहराइच और नेपाल तक मार्फीन सप्लाई करने वाले तीन तस्करों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों में एक बाराबंकी, बहराइच और लखनऊ का तस्कर शामिल है। पुलिस के खुलासे के मुताबिक यह जैदपुर से क्रूड खरीदकर मार्फीन बनाकर तस्करी करते थे।

संयुक्त कार्रवाई
पुलिस के मुताबिक STF को फैजाबाद बाईपास के पास दो वाहनों में मार्फीन तस्करों के होने की सूचना मिली थी। इस पर STF दारोगा अमित कुमार तिवारी टीम के साथ बाराबंकी पहुंचे और कोतवाली नगर पुलिस की मदद से बहराइच मोड़ के पास से तीन आरोपियों को पकड़ लिया। पकड़े गए आरोपियों में जैदपुर थाना के ग्राम अहमदपुर गांव के मो. अजीज अहमद उर्फ बाबा भी शामिल है। जो वर्तमान में बाराबंकी के नबीगंज स्थित क्रिस्टल गार्डेन के पास रहता है। इसके साथ बहराइच के दरगाह थाना के बड़ी तकिया का मो. सलमान और लखनऊ के खाला बाजार थाना के ऐशबाग में रहने वाला सगीर अहमद भी पकड़ा गया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से 500 ग्राम मार्फीन, 9 हजार 170 रुपए, दो लग्जरी कार और पांच मोबाइल फोन बरामद किए हैं।

ड्रग्स माफिया का नेपाल कनेक्शन!
वहीं, बाराबंकी के एएसपी पूर्णेंदु सिंह ने बताया कि मो. अजीज अहमद ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि वह पहले जैदपुर के राजा कटरा के मुनव्वर से क्रूड खरीदकर मार्फीन बनाता था, जिसे सलमान को बेचता था। मुनव्वर के जेल जाने के बाद वह जैदपुर के टिकरा गांव के सोनू उर्फ शानू से क्रूड खरीदने लगा और वह नेपाल के तराई क्षेत्रों में ले जाकर बेचता था। वहीं सलमान ने बताया कि वह अपनी बहन की इनोवा कार से मो. अजीज और दूसरे साथी के साथ बहराइच और नेपाल जाकर माल बेचता था। उन्होंने बताया कि कार की नंबर प्लेट(यूपी-40 एसी-2777) पर आगे और पीछे उत्तर प्रदेश शासन का लोगो लगा है और सामने के शीशे पर विधानसभा का पास और विधायक लिखा है। इससे कार को रोका नहीं जाता था।

मॉर्फिन क्या है ?
मार्फ़िया (मॉरफीन, morphine) एक ऐल्केलॉइड है। सरटर्नर (Sertiirner) द्वारा सन्‌ 1806 में इस ऐल्केलाइड का पृथक्करण अफीम से हुआ था। इसका प्रयोग हाइड्रोक्लोराइड, सल्फेट, एसीटेट, टार्ट्रेट और अन्य संजातों के रूप में होता है। मॉरफीन से पीड़ा दूर होती और गाढ़ी नींद आती है।

(बाराबंकी से अनिरुद्ध शुक्ला का इनपुट)

TAGS
 
admin

Newsbaji

Copyright © 2021 Newsbaji || Website Design by Ayodhya Webosoft